बंग्ला ढहने के डर से मुख्तार अंसारी का भाई अफजाल एलडीए ऑफिस में हुआ हाजिर!

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूूपी सरकार द्वारा लगातार माफिया मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के अनाधिकृत निर्माणों पर चलते बुल्डोजरों की चलती कार्यवाही के बीच मुख्तार के सांसद भाई एलडीए कार्यालय पहुंचे। सांसद अफजाल अंसारी अपनी पत्नी फरहत अंसारी के साथ सोमवार को एलडीए पहुंचे। एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी से मिलकर उनके समक्ष अपने डालीगंज स्थित बंगले के बारे में पक्ष रखा। उन्होंने बंगले को नियमानुसार बना बताया। उन्होंने उपाध्यक्ष से कहा की उनके डालीबाग स्थित मकान का नक्शा निरस्त करने की नोटिस देना गलत है। वह एलडीए में करीब आधे घंटे रुके रहे।

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अफजाल अंसारी व फरहत अंसारी का मकान जियामऊ के उसी गाटा संख्या 93 में बना है जिसमें मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी के मकान बने थे। जिलाधिकारी ने गाटा संख्या 93 की जमीन को निशक्रांत घोषित कर दिया है। इसी के चलते पिछले महीने एलडीए ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों के मकान गिरा दिए थे। फरहत अंसारी के मकान का नक्शा एलडीए ने 2007 में पास किया था। तब फरहत अंसारी ने इस जमीन को अपनी बताया था। लेकिन अब जिलाधिकारी ने एलडीए को जो पत्र भेजा है उसमें जमीन निशक्रांत बताई है। एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि इस पत्र के हिसाब से फरहत अंसारी का जमीन का मालिकाना हक खत्म हो गया है। इसीलिए उन्हें नोटिस दी गई थी। उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी ने नोटिस की सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख नियत की थी। इसके चलते सांसद अफजाल अंसारी व उनकी पत्नी फरहत अंसारी सोमवार को सुनवाई में शामिल हुए। एलडीए अधिकारियों से उन्होंने कहा कि उनका नक्शा नियमानुसार पास है। जमीन के मालिक भी वही हैं। लिहाजा नक्शा निरस्त न किया जाए और बंगले को गिराने की कार्रवाई भी न की जाए। उन्होंने एलडीए को लिखित में भी जवाब दिया है। अब जल्दी है इनके बंगले के बारे में निर्णय लेगा। एलडीए के अधिकारी अफजाल अंसारी के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए। जल्दी ही वह इस पर फैसला लेंगे। एक इंजीनियर ने बताया की प्रकरण बड़े लोगों से जुड़ा है। इसलिए मामले में उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी की फैसला लेंगे। नक्शा निरस्त होने के बाद उनकी बिल्डिंग अवैध हो जाएगी। जिसके बाद एलडीए को इसे गिराने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं आएगी।

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