मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। सोमवार को बसपा सुप्रीमो ने बयान दिया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में बसपा किसी भी कीमत पर सपा की मदत नहीं करेगी। जिसके जवाब में अखिलेश के रणनीतिकारों ने मायावती को बताया कि हम बिना आपकी मर्जी के भी आपके वोटरों का वोट ले सकते हैं। जिसके तहत मंगलवार को बसपा के बागी विधायकों ने लखनऊ में सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव से मुलाकात किया। इसके बाद कायसों का दौर शुरू हो गया कि ये सभी विधायक सपा में शामिल होंगे। एक बार लगा कि आज राज्य का सियासी पारा चढ़ेगा लेकिन शाम तक माहौल हल्का हो गया। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भी ये विधायक अखिलेश से मिले थे तब भी इनके सपा आने की खूब चर्चा चली थी। इस भेंट पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इन नेताओं ने की अखिलेश से मुलाकात
असलम राइनी (विधायक, भिनगा-श्रावस्ती), मुजतबा सिद्दीकी ( विधायक प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (विधायक हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (विधायक सिधौली-सीतापुर), असलम अली चौधरी (विधायक, ढोलाना-हापुड़), सुषमा पटेल (विधायक, मुंगरा बादशाहपुर)
दल-बदल का कानून बना रोड़ा
बसपा के बागी विधायकों के सपा में शामिल होने पर अभी संशय बना हुआ है। इन की राह में दल बदल कानून का रोड़ा है। यह सपा विधायक दल मंडल में भी शामिल नहीं हो सकते हैं। इसके लिए पहले विधानसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपना पड़ेगा। ऐसे में सपा के रणनीतिकार चाहते हैं कि विधान परिषद चुनाव से पहले किसी तरह की बाधा ना आए। संभावना है कि विधान परिषद चुनाव के बाद ही अगला कदम आगे बढ़ाएंगे। बसपा विधायकों का समर्थन मिलने के बाद समाजवादी पार्टी 3 विधान परिषद सदस्य आसानी से जिता लेगी। इसी लिये पूरी सतर्कता बरतते हुुुए बागियों और अखिलेश यादव के भेंट की कोई फोटो नहीं वायरल हो पायी। जबकि राज्यसभा चुनाव के दौरान जब बसपा के बागी सपा कार्यालय गये थे तो उसके बहुत फोटो और वीडियो हुये थे। सपा रणनीतिकार किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहते कि आगामी विधानपरिषद चुनाव के पूर्व किसी नादानी के कारण बसपा के विधायकों की सदस्यता पर कोई आंच आये।