देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ के रैणी गांव में रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से एक जल विद्युत परियोजना के बांध क्षतिग्रस्त होने के बाद अभी तक 50 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार, हताहतों की संख्या एक सौ से अधिक होने की आशंका है।
रावत सम्बन्धित अधिकारियों के साथ घटना स्थल पहुंचे और स्थिति का अवलोकन किया
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सम्बन्धित अधिकारियों के साथ घटना स्थल पहुंचे और स्थिति का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी फोन पर मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ली है।
सुबह लगभग 10 बजे यह प्राकृतिक आपदा आई
आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि सुबह लगभग 10 बजे यह प्राकृतिक आपदा आई। जिससे 13.3 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना का बांध नष्ट हो गया। इस परियोजना से वर्ष 2016 में भी उत्पादन बन्द हो चुका है। वर्ष 2020 में ही इसे पुनः शुरू किया गया था। परियोजना के अधिकारी के अनुसार, 50 से अधिक लोग लापता हैं। सूत्रों ने बताया कि अलकनन्दा पर बने टिहरी बांध परियोजना को कोई क्षति नहीं हुई है।
एनडीआरएफ को बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए
इस आपदा की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री रावत, गढ़वाल मंडल के आयुक्त रविनाथ रमन और पुलिस उपमहानिरीक्षक नीरू गर्ग के साथ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से अवलोकन करने पहुंच गये। जबकि प्रधानमंत्री केंद्रीय गृह मंत्री और पर्यावरण मंत्री ने दूरभाष पर श्री त्रिवेंद्र और मुख्य सचिव ओमप्रकाश से स्थिति की जानकारी ली। साथ ही, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
हेलीकॉप्टर से बचाव कार्यों का जायजा ले रहे
राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कमांडेंट नवनीत भुल्लर भी हेलीकॉप्टर से बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। एसडीआरएफ के अनुसार, अलकनन्दा का जल स्तर अब रुद्रप्रयाग जनपद आते आते मात्र एक मीटर रह गया है, जबकि कुछ समय पहले तक इसका बहाव दो से तीन मीटर ऊपर था।