मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कुंवर मोहम्मद आजम खान राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम कारसेवक मंच ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में होने वाले श्रीरामजन्मभूमि स्थान पर बनने वाले मंदिर के भूमिपूजन में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबालअंसारी को निमंत्रण देना बलिदानी कारसेवकों का अपमान है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार के लोगों (इकबाल अंसारी) ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के गोद में बैठ कर राम मंदिर निर्माण को रोकने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया, जिन लोगो के कारण पूरे देश में दंगा फसाद हुआ और लाखो लोगो ने अपनी जान गंवा दी, आज उसी परिवार के सदस्य को भूमि पूजन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। जिनके
हाथ बलिदानी कारसेवकों के खून से रंगे हैं।जिन लोगों ने श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर पुनः मंदिर बनाने के लिये लिए अपनी जान गंवा दी। ये उन बलिदानी परिवार वालों के साथ धोखा है, जिन्होंने दंगो में अपने परिवार को खो दिए थे।
अगर इस परिवार के लोग आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हाथों की कठपुतली ना बनते तो आज लाखो लोगो की जान को बचाया जा सकता था।शांतिपूर्ण तरीके से सालों पहले राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका होता। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोग इकबाल अंसारी को बुला कर राममंदिर आंदोलन के लिये बलिदानियों के परिवार वालों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
जहां एक तरफ 5 अगस्त 2020 को इतिहास में स्वर्ण अच्छरों में दर्ज़ किया जाएगा तो दूसरी तरफ इसको भी लिखा जाएगा कि जिनके हाथ रामभक्तो के खून से रंगा था उनको भी पूजन में आमंत्रित किया गया था। ऐसा मैं इस लिए नहीं कह रहा हूं कि मुझको नहीं बुलाया गया बल्कि इतिहास में ये ना दर्ज हो कि उन लोगो को नहीं बुलाया गया जो अपनी जान की परवाह किये बेगैर अंतिम दिनों तक राममंदिर निर्माण की लड़ाई लड़ते रहे।
फैसला उन इतिहासकारों की कलम को करना होगा। मुझको भरोसा है सत्मेव जयते। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर होने वाले भूमिपूजन के कार्यक्रम में आयोजक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में बाबरी पक्ष और बलिदानी कारसेवक दोनों को एक तराजू पर तौल दिया है।ट्रस्ट ने बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी और 2 नवंबर 1990 के बलिदानी कारसेवकों के परिजनों को एक साथ निमंत्रित किया है।