यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव–
भगवान राम पर ओछी टिप्पणी कर चुके नरेश अग्रवाल के बेटे को भाजपा का समर्थन
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने भगवान राम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गाय माता के विरुद्ध ओछी टिप्पणी करने वाले पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे व समाजवादी पार्टी के बागी नितिन अग्रवाल को यूपी विधानसभा में उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है। जबकि समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है।दोनों प्रत्याशियों ने रविवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि सोमवार को मतदान होगा। परंपरा के अनुसार मुख्य विपक्षी दल के विधायक को ही विधान सभा उपाध्यक्ष बनाया जाता रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है। बता दें कि नितिन अग्रवाल के पिता एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। तब से नितिन अग्रवाल केवल तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी के विधायक रह गये हैं।
नितिन अग्रवाल द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा नरेश अग्रवाल भी मौजूद थे। नितिन ने बताया कि मैंने चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किया है और जिन लोगों ने मेरा नाम प्रस्तावित किया है, उनमें राकेश सिंह (हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक), अनिल सिंह (पुरवा से बहुजन समाज पार्टी विधायक), संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार, और विधायक राजपाल वर्मा शामिल हैं।
हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि विधानसभा का उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद वह संविधान के प्रावधानों के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि औपचारिक रूप से भाजपा में उनका शामिल होना अभी बाकी है। वहीं, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा ने पत्रकारों से कहा, मैं सपा का उम्मीदवार हूं और परंपरा के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल को मिलता है, इसलिए यह हमे मिलना चाहिए। नितिन अग्रवाल के संबंध में उन्होंने कहा कि वह हमारे छोटे भाई हैं, वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया।
वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा संसदीय परंपराओं को तोड़ रही है। हमें सत्तारूढ़ दल से कोई उम्मीद नहीं है। वर्मा के नामांकन दाखिल करने के समय नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी भी मौजूद थे। उप्र विधानसभा की वेबसाइट के मुताबिक इस समय सदन में भाजपा के 304, सपा के 49, बसपा के 16, अपना दल के नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार और तीन निर्दलीय, दो असंबद्ध सदस्य, राष्ट्रीय लोकदल के एक और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के एक सदस्य हैं।हकीकत यह है कि जबकि दर्जन भर से ज्यादा विधायक अपने निर्वाचित दलों से नाता तोड़ कर अन्य दलों में सक्रिय हैं।