प्रयागराज। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में पांच अगस्त को दिव्य और भव्य राम मंदिर मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन के कार्यक्रम में वह नहीं जा पायेंगे, लेकिन मानसिक तौर पर अपनी उपस्थिति रामलला के दरबार में दर्ज करायेंगे। उन्होंने बताया कि पूरा देश श्री राम जन्मभूमि मुक्ति और निर्माण के लिए सदियों से संघर्ष करता रहा है। महान तपस्वी साधकों, संतो और भक्तों तथा सभी विचारधारा के लोगों के श्रम सद्भाव एवं सहयोग से तथा जीवित और शहीद हुए श्री राम कार सेवकों के बलिदान से यह अद्भुत क्षण आया है। उन्होने कहा कि भूमि पूजन का टीवी के माध्यम से अपने घरों में पूजन कार्यक्रम का दर्शन करें और संभव हो तो इस अद्धुत घड़ी में रामचरित मानस का पाठ करें।
स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि चातुर्मास पूजा अनुष्ठान के कारण वह अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं। मानसिक रूप से वह अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान रहेंगे जबकि भौतिक और शारीरिक रूप से प्रयागराज के अपने आश्रम में रहेंगे।
श्रीमद् ज्योतिषपीठाधीश्वर ने भूमि पूजन के संबंध में कहा कि जो त्रेता युग में नहीं हुआ वह अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा भव्य एवं दिव्य श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन के रूप में होने जा रहा है।
स्वामी वासुदेवानंद ने कहा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन से अभी तक जो भी हुआ और हो रहा है वह सब ठीक है। अयोध्या जाने वाले संत एवं भक्त भूमि पूजन के लिये संगम की माटी और जल जरूर लेकर जायें।
उन्होंने भक्तों को प्रेषित अपने संदेश में कहा कि अति उमंग और उत्साह में भूमि पूजन में ना जाकर अपने घरों, मंदिरों एवं आश्रमों में ही रहकर भगवान राम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए अपने अपने इष्ट देवों की पूजा करें।
भूमि पूजन कार्यक्रम में तन से नहीं बल्कि मन से रहूंगा
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