मनोज सिन्हा के उपराज्यपाल बनने के बाद पूर्वांचल के युवाओं के लिये खुलेंगे जम्मू-कश्मीर के दरवाजे

0
303

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। मोदी की पिछली सरकार में उनके पास रेल राज्यमंत्री के अलावा संचार जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई तो मुख्यमंत्री पद की रेस में मनोज सिन्हा सबसे आगे थे।

manoj shrivastav

2019 लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मनोज सिन्हा भाजपा की राजनीति में खासे चर्चित रहे। सिन्हा को अचानक घाटी में नहीं भेजा गया है वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष योजना से गये हैं। जम्मू-कश्मीर में भेजने के लिये ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो कम बोलने वाला, गंभीर, योग्य और ईमानदार हो। मनोज सिन्हा में पर्याप्त मात्रा में यह सभी गुण दिखते और मिलते हैं। उनके आलोचक भी इनके इस गुण की प्रसंसा करते हैं। प्रदेश मुख्यालय पर गाजीपुर निवासी भाजपा प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव का कहना है कि सिन्हा जमीन के व्यक्ति हैं। उनके उपराज्यपाल बनने से गाजीपुर में ही नहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश और विहार तक जश्न का माहौल बदल गया है। जल्द ही जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य राज्यों खासकर यूपी के पूर्वाचल के बीच गतिविधियां तेज दिखने लगेंगी। वह अब तक के सबसे सफल उपराज्यपाल साबित होंगे। वाराणसी के लखनऊ के अजीत कुमार सिंह (दाढ़ी वाले) और वाराणसी के मनीष कुमार सिंह ने कहा कि मनोज सिन्हा स्वयं तो इंजीनियर हैं लेकिन सामाजिक क्षेत्र में उन्हें डॉक्टरी है। वह निश्चित ही जम्मू-कश्मीर में विकास की नई गाथा लिखेंगे। तीनों लोगों ने बताया कि मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनााये जानेे के बाद यह आम चर्चा बन गया है कि पूर्वांचल के बेरोजगारों के लिये धरती के स्वर्ग का दरवाजा खुल जायेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा जिस भी विभाग के मंत्री रहे उस विभाग के विकास का सूक्ष्म मॉडल उनके संसदीय क्षेत्र गाजीपुर में साफ-साफ दिखता है। संचार मंत्री रहे तो पूरे जिले में मोबाइल टॉवर, शानदार डेटा स्पीड की व्यवस्था बनाये। जब रेल विभाग की जिम्मेदारी मिली तो गाजीपुर रेलवे स्टेशन का उच्चीकरण और गाजीपुर से दिल्ली की सीधी ट्रेन चलवा दिया। उनके कार्यकाल में आईटी क्षेत्र की कंपनियों में गाजीपुर के युवाओं का रुतबा अगल रहा। उनको जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाये जाने के बाद सहज ही यह चर्चा चल पड़ी है कि आवो वीर चलो कश्मीर। गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील के मोहनपुरा गांव के साधारण परिवार में जन्में मनोज सिन्हा ने छात्र राजनीति से अपनी शुरुआत की। बीएचयू के छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर काफी तय किया। इस बीच उन्हें कई बार हार-जीत के बीच से होकर गुजरना पड़ा।भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल बनने पर लहुरीकाशी गदगद है। उनके पैतृक गांव मोहनपुरा की गलियां भी गुरुवार से ही जो मिठाइयों का दौर चला वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों ने आज भी मिठाई बांटी और खुशी जताई। उत्साही युवाओं ने आतिशबाजी की। इसके अलावा भाजपा कार्यालय गाजीपुर, दिलदारनगर में युवामोर्चा, गहमर, जमानियां, सैदपुर, सादात, जंगीपुर, नंदगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी और हर्ष जाताया। मुहम्मदाबाद क्षेत्र के मोहनपुरा गांव में गुरुवार को जश्न का माहौल रहा।

Advertisment
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here