मायावती ने पूछा-उद्योगों को लेकर पिछले वर्षों में साइन किए गए सहमति पत्रों का क्या हुआ?

0
303

नयी दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि सरकार के विदेशी कंपनियों की लुभाने की बजाय घरेलू उद्योग धंधों को सुविधायें देनी चाहिये। जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर बढेगा। यह जरुरी है।

सुश्री मायावती ने यहां एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र और उत्तरप्रदेश सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए, क्योंकि ‘ शेनजेन इकोनोमिक जोन’ जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की मुफ्त आधारभूत सुविधा और श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहां नहीं है।

Advertisment

उन्होंने कहा कि शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन हेतु सुनिश्चित किया जाए तो उजड़े छोटे और मझोले उद्योग, पीड़ित श्रमिक वर्ग का हित तथा कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जाए।

सुश्री मायावती ने आरोप लगाया कि लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी और बदहाली में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जरूरी प्रभावी मदद पहुँचाने के बजाय उत्तर प्रदेश में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर तथा घोषणाओं आदि द्वारा छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यह अति-दुःखद है. जनहित के ठोस उपायों के बिना यह समस्या और विकराल बन जाएगी।

बसपा नेता ने कहा कि अच्छा होता सरकार नया सहमति पत्र करने और फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेक सहमति पत्रों का क्या हुआ? सहमति पत्र केवल जनता को वरगलाने और फोटो के लिए नहीं हो, तो बेहतर है क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here