मायावती ने पूछा-उद्योगों को लेकर पिछले वर्षों में साइन किए गए सहमति पत्रों का क्या हुआ?

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नयी दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि सरकार के विदेशी कंपनियों की लुभाने की बजाय घरेलू उद्योग धंधों को सुविधायें देनी चाहिये। जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर बढेगा। यह जरुरी है।

सुश्री मायावती ने यहां एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र और उत्तरप्रदेश सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए, क्योंकि ‘ शेनजेन इकोनोमिक जोन’ जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की मुफ्त आधारभूत सुविधा और श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहां नहीं है।

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उन्होंने कहा कि शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन हेतु सुनिश्चित किया जाए तो उजड़े छोटे और मझोले उद्योग, पीड़ित श्रमिक वर्ग का हित तथा कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जाए।

सुश्री मायावती ने आरोप लगाया कि लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी और बदहाली में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जरूरी प्रभावी मदद पहुँचाने के बजाय उत्तर प्रदेश में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर तथा घोषणाओं आदि द्वारा छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यह अति-दुःखद है. जनहित के ठोस उपायों के बिना यह समस्या और विकराल बन जाएगी।

बसपा नेता ने कहा कि अच्छा होता सरकार नया सहमति पत्र करने और फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेक सहमति पत्रों का क्या हुआ? सहमति पत्र केवल जनता को वरगलाने और फोटो के लिए नहीं हो, तो बेहतर है क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है।

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