मिथुन राशि कालचक्र की तीसरी राशि है। यह राशि वायु तत्व, रजोगुण और द्बिस्वभाव और बुध ग्रह से प्रभावित है। आपकी राशि का प्रतीक चिह्न् जुड़वा मानव आकृति है, जो बुद्धिमता का परिचायक है।मिथुन राशि का स्वामी बुध है । इस राशि का जातक प्राय : लम्बे कद और गौर वर्ण सुन्दर बाल तथा बड़ी नाक वाला होता है । चेहरे से ही बुद्धिमानी झलकती है । यह जातक मधुरभाषी चतुर , दयालु , दृढ प्रतिज्ञ , विद्वान , धनी , प्रत्येक कार्य करने में तत्पर , अत्यन्त विवादी कुशाग्र बुद्धि भोगी विलासी , चंचल चित्त , मर्मज्ञ , सर्वप्रिय , अधिक भोजन करने वाला होता है । इन्हें आकस्मिक धन का लाभ भी होता है । नर्म स्वभाव ही के कारण इन्हें कमजोर समझा जाता है परन्तु तीक्ष्ण बुद्धि तथा तर्क वितर्क करने में कुशल होते हैं । घरेलू झगड़ों एवं अपने हितों की रक्षा करने में जुट जाते हैं । यदि वे कोई ऐब भी करते हैं अपने हाथ पैर बचाकर करते हैं और यदि कोई अनिष्ट होता दिखाई दे , तो तुरन्त सम्भल जाते हैं । क्रय विक्रय, लेखन- पत्र, अकांऊंट्स का कार्य , बैंकिंग एवं तकनीकी कार्यों में विशेष सफल हो जाते हैं । यह भ्रमण तथा परिवर्तन प्रिय होते हैं । ये लोग व्यवसाय के स्थान पर नौकरी में कुछ सफल हो पाते हैं ।
इस राशि को अनिद्रा , पेट की बीमारी का भय रहता है । मिथुन राशि वाले अत्यन्त वाकपटु होते हैं । अपने बोल चाल से ये श्रोता का मन मोह लेते हैं । मिथुन जातक के जीवन का मूल उद्देश्य अपने और दूसरों के जीवन को अधिक सरल , अधिक सुन्दर बनाने का होता है । बौद्धिक सन्तोष इनकी प्रेरणा शक्ति होती है । मिथुन जातक को उन अवगुणों से भी विशेष सावधान रहना होगा जो यह उसके अन्दर ग्लानि पैदा कर सकते हैं । मिथुन राशि के जातक बुद्धिजीवी है, इसलिए दिमागी कार्यों से आजीविका कमा सकते हैं। मौलिक कार्यों को करने में आपकी रूचि रहती है। आप योजनाएं बनाने में कुशल हैं और तत्पर हो जाएं तो सफलता से पूर्ण करने में सक्षम होते हैं। आप सांस्कृतिक व राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी विशेषताओं का जादू जाग सकते हैं।
आप विशेषकर क्लर्क, उपदेशक, बैंकिंग, ज्योतिष, साहित्यिक कार्य, लेखाकार, गणितज्ञ, डेरी फार्म, अध्यापक, अनुवादक, लेखक, सम्पादक, प्रकाशक, पुस्तक विके्रता, सेल्समैन, कैमिकल, आटोमोबाइल्स पाट्र्स, पत्रकारिता, वर्कशाप, चालक, शिल्प, वकालत, प्रबंधन, भवन निर्माण, प्रिटिंग आदि कार्यों को करके जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। मिथुन राशि के जातक एक साथ अनेक प्रेम सम्बन्घ बनाने के इच्छुक रहते हैं। यही वजह है कि वे प्रेम में असफल होते रहते हैं। आप निष्ठावान न होते हुए भी अपने प्रेमपात्र की निष्ठा की परीक्षा लेते रहते हैं। आपके लिए एक पक्षीय आकर्षण कष्टप्रद होता है। आप सेक्स को अनुशासन में नहीं बांध पाते हो। सेक्स या प्रेम प्रसंग में असफल रहने के कारण आप मानसिक रूप से असंतुष्ट रहते हो। आपका मेष, सिंह व धनु राशि वालों के साथ उत्कृष्ट वैवाहिक जीवन व प्रेम प्रसंग बीतता है। कर्क, वृश्चिक ओर मीन राशि अनुकूल रहती हैं। वृष, कन्या और मकर राशि वालों से विरोध रहता है। आपका तुला और कुम्भ राशि वालों से सामान्य सम्बन्ध रहते हैं।
तब सफलता आपके कदम चूमेगी
मिथुन राशि के जातकों को अपनी बुद्धि के सहयोग से लोकप्रियता और धन अर्जित हो सकता है। बशर्तें आप भावुकता में न बहे और दृढ़ता से एक बात पर अडिग रहकर प्रयत्नशील रहे। सफलता आपके कदम चूमेगी। दूसरों की महत्ता समझें। गप्प हाकने से बचें। अतिआत्मविश्वास और अंधविश्वास से स्वयं को बचाकर रखें। उतावलापन व जल्दबाजी बिल्कुल भी न करें। आवश्यकता से अधिक व्यय करने से बचें और विशेषज्ञ बनने का प्रयास करें, सर्वज्ञ नहीं।
मिथुन राशि के पुरुष
– आप बाल्यावस्था में विशेष सुखी, मध्यावस्था में अल्पसुखी और वृद्धावस्था में सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं।
– दूसरोंं की मन की थाह पाने वाले, मधुर वचन बोलने वाले, खाने-पिने और स्त्री प्रसंग की चर्चा करने वाले होते हैं।
– आलस्य आपकी महत्वाकांक्षा में बाधक बनता है।
– मिथुन राशि के जातक हठीले स्वभाव के भावुक और महत्वाकांक्षी होते है।
– मिथुन राशि की प्राथमिकता सांसारिक सुखों की प्राप्ति और भोग साधन जुटाने वाली होती है।
– परिस्थिति के अनुरूप स्वयं को ढालने की प्रवृत्ति होती है।
– धैर्य, व्यवहार कुशल, सहनशक्ति के बल पर कठिनाईयों को दूर कर लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं।
– आप में हर एक से होड़ लेने की प्रवृत्ति है।
– मिथुन राशि के जातक मितव्ययी, वाकपटु, कठोर, परिश्रमी और कामक्रीड़ा में निपुण होते हैं।
– परिश्रम के अनुरूप सुख साधन और आजीविका जुटा पाते हैं।
– मिथुन राशि के जातक भाग्य से ज्यादा कर्म पर विश्वास रखते हैं।
– जल्द सीखने और जल्द भूलने की प्रवृत्ति है।
– आत्मकेंद्रित होने के कारण आपमें स्वार्थ की भावना प्रबल रहती है।
– बाधायें आने पर आपका स्वभाव रुखा और चिड़चिड़ा बन जाता है।
– आप शांत, सुखी व भोगी होते हैं।
– आप अनुभवी, सहनशील, व्यवहारी व सफल गृहस्थ होते हैं।
– अच्छे मित्र, शास्त्रज्ञ, विनोदी और मानसिक कार्यों में दक्ष होते हैॅ।
मिथुन राशि की स्त्रियां
– मिथुन राशि की स्त्रियों के सरल स्वभाव और बातूनीपन के कारण लोग उन्हें गलत समझ बैठते हैं।
– अवसरानुसार कटाक्ष और व्यंग्य करने से आप नहीं चूकती हैं।
– अपने स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुंचने देती है।
– मिथुन राशि की स्त्रियां अस्थिर मनोवृत्ति वाली, परिश्रमी, कार्यदक्ष और चतुर होती है।
– आपको जीवन में उतार-चढ़ाव देखने पड़ते है।
– पारिवारिक जीवन में समस्याएं बनी रहती है।
– मान-सम्मान के लिए मर-मिटने की प्रवृत्ति होती है।
– सुख पाने की लालसा होती है और दुख को स्वत: निमंत्रण दे बैठती है।
– फूहड़ता और अप्रिय वचन आप सहन नहीं करती हैं।
– आपकी दूरदर्शिता और संघर्ष की क्षमता सुख जुटाने को तत्पर रहती है।
– आपके मित्र कम ही होते हैं।
– सामाजिक कार्यों में रूचि होने के कारण आप सफल गृहणी नहीं बन पाती हैं।
– प्रेम के मामले में दक्ष और काम क्रीड़ा की शौकीन होती हैं।
– दूसरों से अच्छे सम्बन्ध स्थापित करके अपना कार्य निकाल लेती हैं।
उपाय – मिथुन राशि वालों को बुधवार का व्रत रखना तथा लक्ष्मी उपासना करनी शुभ एवं कल्याणकारी रहेगी । शुभ रंग- इस राशि वालों को अपना शुभ रत्न पन्ना कनिष्ठिका ( छोटी ) अंगुली में बुध ग्रह के बीज मन्त्र से अभिमंत्रित करते हुए धारण करना चाहिए।
बुध बीज मन्त्र- ” ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः । ” मंत्र जप 9000 करने से मनोकांक्षा पूरी होती है ।
शुभ दिन- बुधवार सोमवार शनिवार शुक्रवार शुभ दिन होंगे ।
शुभ रंग – हरा तथा हल्का पीला रंग शुभ रहेगा ।
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