नयी दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती के बयान भी मिशन 2022 चुनाव को दृष्टिगत प्रतीत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी ने जिलों में अपने कैडर और सेक्टर प्रभारियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा सांगठनिक फेरबदल किया। लगभग सभी वरिष्ठ पार्टी नेताओं को कुछ जिम्मेदारियां देते हुए सेक्टर और मंडल प्रभारियों की नियुक्ति में बड़ा फेरबदल किया है। इसे 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इन सेक्टर प्रभारियों के निदेर्शन में मंडलों को दो हिस्से में बांटकर अलग से सेक्टर प्रभारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा जिले स्तर पर भी सेक्टर प्रभारी बनाए गए हैं। सुश्री मायावती ने रविवार को कहा कि विकास दुबे कांड की आड़ में उत्तर प्रदेश सरकार को राजनीति नहीं करनी चाहिए और विश्वास बहाली की दिशा में बढ़ना चाहिए।
सुश्री मायावती ने एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को अब खासकर विकास दुबे-कांड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करनी चाहिये. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे ब्राह्मण समाज भयभीत, आतंकित और असुरक्षित महसूस करें।
उन्होंने कहा कि बसपा का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए और कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए।”
सुश्री मायावती ने कहा कि कानपुर पुलिस हत्याकांड के दुर्दान्त विकास दुबे और उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय तथा आतंक की चर्चा जोरों पर है और इसे दूर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष तथा ईमानदार होना चाहिए, तभी राज्य अपराध-मुक्त होगा।