मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।कोरोना काल की तबाही से जूझ रहे यूपी के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी आयी है। योगी आदित्यनाथ की सरकार रोजगार का एक बड़ा अवसर यूपी के युवाओं को देने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में पहला डाटा सेंटर बनने जा रहा है। करीब 600 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश वाले इस हाई प्रोफाइल प्रोजेक्ट को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। मुंबई का हीरानंदानी समूह ग्रेटर नोएडा में करीब 20 एकड़ भूमि पर इसे बनाएगा। यह परियोजना जहां युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर लेकर आएगी वहीं अन्य जगहों पर काम कर रही आईटी कंपनियों को अपना कारोबार करने में खासी मदद मिलेगी। अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह अपनी तरह का पहला डाटा सेंटर पार्क होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विकास और रोजगार देने वाली योजना को हाथों हाथ लेते हुए अधिकारियों को निर्देश देकर जमीन की व्यवस्था भी कर दी है। मुंबई के रियल एस्टेट डवलपर हीरानंदानी समूह ने मुंबई, चेन्नई व हैदराबाद में इस तरह के डाटा सेंटर बनाने के बाद अब यूपी का रुख किया है। डाटा सेंटर को लेकर अन्य कई कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है। डाटा सेंटर बनने के बाद दूसरे राज्यों में संचालित हो रही कंपनियों को भी यूपी से जोड़ा जा सकेगा। डाटा सेंटर के क्षेत्र में निवेश के लिए रैक बैंक, अडानी समूह व अर्थ कंपनियों ने 10000 करोड़ रुपये के भारी भरकम निवेश का प्रस्ताव यूपी सरकार को दिया है। चूंकि डाटा सेंटर में बिजली की खपत ज्यादा होती है इसके लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है।तय योजना के मुताबिक ओपेन एक्सेस से डाटा सेंटर पार्क को बिजली दी जाएगी। गौरतलब है कि अभी पर्याप्त डाटा सेंटर न होने के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों से डाटा विदेशों में रखे जाते हैं। डाटा सेंटर पार्क बनने के बाद हम अपने देश में ही अपने डाटा सुरक्षित रख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कुछ समय से देश भर में इस तरह के डाटा सेंटर बनाने की योजना पर काम हो रहा है।योगी सरकार डाटा सेंटर के सेक्टर में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए अलग नीति भी बना रही है। डाटा सेंटर के क्षेत्र में बड़े निवेश में रुचि दिखा रही कंपनियों के प्रस्ताव को यूपी सरकार की बड़ी औद्योगिक सफलता माना जा रहा है। डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। इसके जरिए बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है। यूपी में सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं और इन उपयोग कर्ताओं से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल काम रहता है। इसके अलावा बैंकिंग, रिटेल व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन के अलावा आधार कार्ड आदि का डाटा भी खासा अहम है ।