मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी का भी मकान उसी गाटा संख्या 93 पर ही स्थित है जो निष्क्रांत सम्पत्ति है। लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से जिला प्रशासन को भेजी गई चिट्ठी के बाद दोबारा पैमाइश कराई गई। इसमें यह तथ्य सही पाया गया। अब जिला प्रशासन की ओर से एलडीए को चिट्ठी का जवाब भेज दिया गया। ऐसे में सांसद के निर्माण पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। क्योंकि निष्क्रांत सम्पत्ति सरकारी है। इसी जमीन पर कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी के निर्माण को एलडीए ने ध्वस्त कर दिया था।
एलडीए में अब इस मामले की सुनवाई 21 सितम्बर को होगी। एलडीए की ओर से 14 सितम्बर को पत्र भेजा गया था। इसमें उप जिलाधिकारी के पूर्व में भेजे गए पत्र का हवाला था। इसके अनुसार गाटा संख्या 93 पर अंकित खातेदारों के नाम खारिज कर निष्क्रांत सम्पत्ति दर्ज करने का आदेश पारित हुआ था। भवन संख्या 21/14 बी के संबंध में वैधानिक कार्रवाई कर निष्क्रांत सम्पत्ति को सुरक्षित रखने की अपेक्षा की गई है। एलडीए के अनुसार 31 अगस्त को इसी आधार पर इस भवन स्वामी फरहत अन्सारी, पत्नी अफजाल अंसारी को नोटिस भेजा गया। जवाब में 14 सितम्बर को फरहत अंसारी की ओर से जवाब भेजा गया। इसमें उनका कहना है कि उनका भवन खसरा संख्या 104 में स्थित है।इसी आधार पर एलडीए ने उप जिलाधिकारी सदर से जवाब मांगा। प्रशासन ने दोबारा पैमाइश कर सैटेलाइट के नक्शे से सॉफ्टवेयर के जरिए मिलान कराया। उसमें भी पाया गया कि जियामऊ डालीबाग स्थित भवन संख्या 21/14 बी गाटा संख्या 93 पर ही स्थित है। यह निष्क्रांत सम्पत्ति है। यह वो सम्पत्ति है जो बंटवारे के समय पाकिस्तान जा बसे लोगों की थी। इसकी मलकियत अब सरकार की है। एसडीएम सदर सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि एलडीए को जवाब भेज दिया गया है।
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