मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। पंजाबी की मोहाली जेल में खुद को सुरक्षित मान रहे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
यूपी नंबर की एंबुलेंस में बैठाकर बाहुबली को पेशी के लिए मोहाली कोर्ट में लाया गया था।उत्तर प्रदेश सरकार उस एम्बुलेंस के मऊ कनेक्शन की जांच कराने जा रही है। एंबुलेंस का मऊ कनेक्शन सामने आया है। मऊ की सदर विधानसभा सीट से मुख्तार अंसारी इस समय विधायक है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बीते बुधवार को यूपी नंबर की एंबुलेंस में बैठाकर पेशी के लिए मोहाली कोर्ट में लाया गया था। अब इस एंबुलेंस को लेकर तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं। मुख्तार अंसारी को पेशी के लिए लाने वाली एंबुलेंस का कनेक्शन सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रव़क्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा है कि मुख्तार अंसारी के लिए पंजाबी भेजी गई एंबुलेंस लग्जरी और पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। प्रदेश सरकार इस मामले की जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस की सरकारों ने अपने कार्यकालों में मुख्तार अंसारी को आश्रय दिया है। उसी का परिणाम है कि आज मुख्तार अंसारी सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस का निजी इस्तेमाल मुख्तार अंसारी कैसे कर रहे हैं? यह बड़ा सवाल है। एंबुलेंस अस्पताल के नाम पर दर्ज है। हम इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे और कार्रवाई की जाएगी। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि आखिर वह कौन सी सरकार थी? जिनके कार्यकाल में मुख्तार अंसारी को यह बुलेटप्रूफ एंबुलेंस निजी इस्तेमाल के लिए दी गई है। एबूलेंस को लग्जरी और बुलेट प्रूफ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब सरकार को भी अपनी तरफ से ध्यान देना चाहिए कि अखिर मुख्तार अंसारी उसका इस्तेमाल पंजाब में कैसे कर रहा है।
माफिया मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस को लेकर नये-नये खुलासे हो रहे हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक मुख्तार 2013 से ही इस एंबुलेंस का इस्तेमाल कर रहा है। अलका राय के अस्पताल के नाम से 2013 में ही इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ था।गाड़ी का पैसा भी मुख्तार ने दिया था। बाद में कागज को ट्रांसफर कराने की बात थी लेकिन ट्रांसफर नहीं हुआ। इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी व भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने मुख्तार अंसारी की लक्जरी बुलेटप्रूफ एम्बुलेंस को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बृजलाल ने कहा है कि ये मामूली एम्बुलेंस नहीं बल्कि मुख़्तार का चलता फिरता क़िला है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एंबुलेंस नहीं बल्कि चलता-फिरता मुख्तार का वो साम्राज्य है, जिसके जरिए मुख़्तार अपने कारनामे अंजाम देता रहा है। इस गाड़ी में सेटेलाइट फोन के अलावा हथियार, असलहे और गुर्गे भी रहते हैं। मुख्तार इनका इस्तेमाल करता है। इस एम्बुलेंस का ड्राइवर मुख़्तार का बेहद करीबी है, जो मुहमदाबाद का रहने वाला है, उसका नाम सलीम है। उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी जिस भी जेल में बंद रहता था उसी जेल के बाहर इसकी यही एम्बुलेंस खड़ी रहती थी। जिसके साथ आगे पीछे गाड़ी से गुर्गे भी चलते थे। |