मुख्यमंत्री के क्षेत्र में जनसेवा केंद्र की आड़ में चल रहा था फर्जी पास का खेल, दो गिरफ्तार

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। गोरखपुर में जॉइंट मजिस्ट्रेट/एस डी एम सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने गोरखनाथ थाना प्रभारी चन्द्रभान सिंह को निर्देशित किया गया था, कि गोरखनाथ क्षेत्र के चकसा हुसैन मोहल्ले के रहने वाले मोहम्मद सरवर आलम जो कि मछली बेचने का काम करता है,उसके पास फर्जी पास है इसका सत्यापन किया जाए। इसके लिए जॉइंट मजिस्ट्रेट के कार्यलय से पत्र संख्या 1607/ जारी किया गया।
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पत्र मिलते ही गोरखनाथ क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार सिंह के पर्यवेक्षक में एक टीम गठित की गई जिसमें गोरखनाथ थाना प्रभारी चन्द्रभान सिंह सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर परविंद्र कुमार राय कॉन्स्टेबल आशुतोष राय, हेड कांस्टेबल हरिपाल गुप्ता के द्वारा मोहम्मद सरवर को मछली बेचते हुए गिरफ्तार किया गया पूछताछ में मोहम्मद सरवर ने पुलिस को बताया कि उसको ये फर्जी पास फिरोज़ आलम पुत्र स्वर्गीय अली असगर निवासी चकसा हुसैन थाना गोरखनाथ जिला गोरखपुर के द्वारा बना कर दिया गया है। पुलिस ने फिरोज़ आलम  को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। फिरोज़ आलम घर पर ही जनसेवा केंद्र चलता था। उसके पास से पुलिस द्वारा फर्जी पास में इस्तेमाल होने वाले उपकरण को भी बरामद किया गया है। पूछताछ में फिरोज़ आलम ने बताया कि अधिक पैसे की लालच में उसने फर्जी पास बनाने का काम शुरू किया था। उसके द्वारा गोरखनाथ क्षेत्र के शकील, इरफान, और एक अन्य लोगो का भी फर्जी पास बना कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है कि फिरोज़ आलम के द्वारा अब तक कितने लोगों के फर्जी पास बनाये गए है। देश मे जब से लॉक डाउन लगा है तब से लेकर अब तक जिला प्रशासन के द्वारा जरूरी चीजों के लिए ही पास जारी किया है। जॉइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सागरवाल आईएएस को सूचना मिली थी कि मछली बेचने वाले के पास भी पास है। हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा किसी भी मछली बेचने वाले को किसी तरह का कोई भी पास जारी नही किया गया है। कुछ लोगो द्वारा इस लॉक डाउन में फर्जी पास का खेल खेला जा रहा है। पुलिस अब पूरी तरह से फर्जी पास के खेल में शामिल लोगों की धरपकड़ में सक्रिय हो गयी है। मुख्यमंत्री का जिला होने के कारण किसी भी घटना पर अधिकारियों की दोहरी फजीहत होती है। मुख्यमंत्री द्वारा फटकार मिलने के अलावा विपक्षी नेताओं द्वारा निशाना बनते देर नहीं लगती।
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