मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने शायर मुनव्वर राना को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वह तालिबानी विचारधारा के पोषक है, वह हमेशा से ही देश के विरोध में शायरी करते रहे हैं। मुनव्वर के अलावा शायरी में चाहे वसीम बरेलवी हो या फिर बशीर बद्र इनकी शायरी में हमेशा देश प्रेम की भावना झलकती है। जबकि मुनव्वर राना ने कभी भी सकारात्मक शायरी करते हुए देश को प्रेम का संदेश नहीं दिया है। उनकी शायरी से तालिबानी विचारधारा हमेशा से ही झलकती रही है।
बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि जिस प्रकार के संस्कार मुनव्वर राना के हैं वैसे ही उनके बेटे और बेटियों को मिले हैं। आमतौर पर उनकी बेटी भी देश विरोधी बातें ही करती दिखाई देती है। उन्होंने अपनी बेटी को समाजवादी पार्टी के साथ इसलिए जोड़ा है ताकि उनको इसका राजनैतिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा है कि शायर मुनव्वर राना सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपनी तालिबानी सोच को बराबर लोगों के सामने रखते रहे हैं। मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि शायर मुनव्वर राना ने जिंदगी भर अपनी शायरी से जो भी लोकप्रियता हासिल की है, उसे बुढ़ापे में अपनी बेटी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तालिबानी विचारधारा की भेंट चढ़ा दिया है। यह दुखद है कि वह खुद अपने बेटे को सही संस्कार नहीं दे सके हैं। इतना ही नहीं तालिबानी विचारधारा के पोषक शायर अपने बेटे को अपराध की दुनिया से भी नहीं बचा पाए हैं। मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि मुनव्वर राना अपनी शायरी की आड़ में देश के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने का काम करते रहे हैं। मुंह में लड्डू रखकर वह अपनी बेटी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के चक्कर में देश का सम्मान करना भी भूल गए हैं। जिस देश में रहकर उन्होंने प्रसिद्धि प्राप्त की है उसी के खिलाफ षड्यंत्र रचना उनकी मानसिकता से साफ झलक रहा है। उनकी तालिबानी सोच से यह साफ हो रहा है कि वह देश के प्रति कितना ईमानदार हैं। रजा ने अपने तीखे अंदाज में कहा है कि शायर मुनव्वर राना देश को धर्म के नाम पर बांटने और उसे आग में झोंकना चाहते हैं।