मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। बिहार के सीमांचल में पांच विधानसभा सीट जीतने से उत्साहित एआईएमआईएम सुप्रीमो असुद्दीन ओवैसी पूर्वांचल से चुनावी अभियान शुरू करेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से ओवैसी के राडार पर रहेगा। ओवैसी 12 जनवरी को वाराणसी आएंगे। वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ आजमगढ़, मऊ, वाराणसी व जौनपुर जिलों में सियासी संभावनाएं तलाशेंगे।
गौरतलब है कि हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने यूपी विधानसभा का चुनाव छोटे दलों के साथ मिलकर लडऩे का एलान किया है। वह लखनऊ आकर सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से मिल चुके हैं। ओवैसी व राजभर ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव अन्य छोटे दलों को साथ लेकर लडऩे की घोषणा की है। राजभर ने छोटे दलों का भागीदारी संकल्प मोर्चा बना रखा है। इसी की छतरी के नीचे अन्य नेताओं व दलों को जोडऩे की तैयारी चल रही है। ओमप्रकाश राजभर इस सिलसिले में प्रसपा (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से भी कई बार मिल चुके हैं।
हालांकि अभी कार्यक्रम तय नहीं है लेकिन ऐसे संकेत हैं कि ओवैसी भी शिवपाल से मुलाकात कर सकते हैं।ओवैसी 12 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं। राजभर उन्हें पूर्वांचल के कुछ जिलों का दौरा कराएंगे। उनकी योजना पिछड़ों व मुस्लिमों की एकजुटता से राजनीतिक ताकत बनने की है। ओवैसी व राजभर आजमगढ़ के साथ ही मई व जौनपुर भी जाएंगे। वह वाराणसी में भी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।
इस बीच भीम आर्मी के प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने शनिवार को राजधानी में सुभासपा अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर से मिलकर राजनीतिक हालात पर मंत्रणा की। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में चंद्रशेखर, भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल हो सकते हैं। राजभर ने बताया कि चंद्रशेखर ने भागीदारी मोर्चा में शामिल होने पर सहमति जताई है। वहीं, चंद्रशेखर ने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार में दलित व पिछड़े उपेक्षित हैं। उन्हीं के मुद्दों पर राजभर से वार्ता हुई।
चर्चा हुई है कि पूर्वांचल में दलितों, वंचितों, पिछड़ों को कैसे जोड़ा जाए। आने वाले दिनों में पूर्वांचल का दौरा करेंगे। न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाएंगे। अभी एक-दो दौर की वार्ता और होगी। उसके बाद एक मंच पर आने का एलान किया जाएगा।