मोरारी बापू के संत होने पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वभाविक

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भावनगर/अहमदाबाद/लखनऊ। कथा वाचक मोरारी बापू के भगवान श्री कृष्ण को लेकर आपत्तिजनक वक्तव्य को लेकर कथा वाचक मोरारी पर हमले की कोशिश की गई, नि:संदेह हमले की निंदा की जा सकती है, लेकिन मोरारी ने जिस तरह का वक्तत्व दिया था, वह निश्चित पर निंदनीय है। जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम होगी। उनके वक्तव्य से उनके संत होने पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वभाविक है? क्योंकि वक्तव्य में कुंठित मानसिकता को उन्होंने उजागर किया है, वह संत की तो नहीं हो सकती है।मोरारी बापू अब कहते हैं कि माफ करना उनका स्वभाव है, लेकिन यहां माफ करने का सवाल नहीं है, बल्कि माफी मांगे का सवाल था, जो इन जैसे कथित संतों को समझना होगा, क्योंकि इन्होंने ईश्वर के प्रति अमर्यादित टिप्पणी की थी, जो क्षम्य नहीं है।

इधर मोरारीबापू परद भाजपा नेता की ओर से हमले का प्रयास करने की घटना के विरोध में महुवा और यात्राधाम वीरपुर में आज बंद रखा गया है। उक्त घटना से गुजरात का संत समाज और आहीर समाज नाराज है। व्यापारियों में भी जबरदस्त आक्रोश है। हालांकि इस बीच मोरारी बापू ने कहा है कि वे माफ करने और माफी मांगने वाले व्‍यक्ति हैं।

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शनिवार को महुवा में सर्वधर्म के लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए बंद का ऐलान किया है। इससे एक दिन पहले मोरारी बापू पर भाजपा के पूर्व विधायक पबुभा माणेक ने द्वारिका में उस वक्‍त हमले का प्रयास किया, जब वे पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। फिलहाल, बंद के चलते शनिवार को महुवा में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। चैंबर ऑफ कॉमर्स, छोटे और बड़े व्यापारी, विभिन्न संगठन, समुदाय के नेता, हिंदू और मुस्लिम भाई, विभिन्न संगठन और इकाइयाें ने बंद का समर्थन करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया है।

इसके अलावा महुवा मार्केटिंग यॉर्क भी बंद में शामिल हो गया है। इससे पहले शुक्रवार को महुवा में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में महुवा चैंबर ऑफ कॉमर्स, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के नेता आदि शामिल हुए। उसके बाद इस घटना के विरोध में शनिवार को बंद की घोषणा की गई थी। उसी निर्णय के अनुसार आज सौराष्ट्र के साधु-संतों में नाराजगी है और वीरपुर पूरी तरह से बंद है।
शनिवार को मोरारीबापू ने विवाद पर प्रतिक्रिया भी दी है। उन्हेांने कहा है कि मैंने दो बार माफी मांगी है। मुझसे कहा गया, बापू! द्वारका आइए। मैं द्वारका गया। द्वारकाधीश मेरे इष्टदेव हैं। मैं गया और मेरी ओर से बात समाप्त हुई। भाजपा के पूर्व विधायक पबुभा माणेक और अहीर समाज द्वारा माफी मांगने की मांग की गई। हमने माफी मांग ली है। किसी को भी उकसाना नहीं चाहिए। माफ करना हमारा स्वभाव है।

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