मौजूदा तीनो कृषि विधयेक कृषि खेती-किसानी को समूल नष्ट कर देंगे: अजय कुमार लल्लू

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खेती-किसानी को कॉर्पोरेट के हवाले कर रही है मोदी सरकार: अजय कुमार लल्लू

न्यूनतम समर्थन मूल्य ख़त्म होने से 86 फीसद किसानों की कमर टूट जाएगी: अजय कुमार लल्लू

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मझोले और सीमांत किसान के लिए यह काला कानून है: अजय कुमार लल्लू

 

लखनऊ, 18 सितम्बर 2020। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कल संसद में पारित तीनो कृषि सम्बंधित विधेयकों-कृषक उपज व्यपार और वाणिज्य विधेयक, मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर किसान समझौता और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक को किसान विरोधी काला कानून करार देते हुए इसे किसानो की कमर तोड़ने वाला और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने वाला कानून करार दिया।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जारी बयान में कहा कि मौजूदा पारित तीनो कृषि कानून आम किसानों को समूल नष्ट कर देने वाले कानून है। तीनो कानून प्रदेश के लाखो मझोले और सीमांत किसान के ऊपर भारी पड़ेंगे और उनकी समूची खेती-किसानी कर्ज में फँस के बिक जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि आवश्यक वस्तुओं की सूची से अनाज, फल और सब्जी को हटा लेने से जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा, कीमतों में अस्थिरता रहेगी जिसका खामियाजा देश की बेहाल, परेशान जानता को भुगतना पड़ेगा।

प्रदेश अजय कुमार लल्लू ने अपने बयान में मांग कि , एक देश एक समर्थन मूल्य के तहत प्रदेश में सारी फसलों, फल, अनाज, सब्जी आदि चीज़ों की पूरे देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होने चाहिए। उन्होंने भाजपा की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वो देश की खेती-किसानी को कॉर्पोरेट के हवाले करने का कुचक्र रच रही है। न्यूनतम समर्थन के ख़तम होने से प्रदेश अधिकांश किसान (लगभग 86 फीसद) बर्बादी के कगार पर पहुँच जायेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार चाहती है कि कृषि क्षेत्र कॉर्पोरेट कंपनियों के फायदे के के लिए खुले जिससे हमारे मझोले और सीमांत किसान बर्बाद हो जायेंगे। बड़ी कंपनियों के कुचक्र में फँस के किसान पानी ही जमीन पर बंधुआ मजदूर बन कर रह जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बदहाल किसान पहले ही कर्ज के कुचक्र में फँस कर आत्महत्या कर रहा है ऐसे में यह तीन कानून उसकी ताबूत में कील साबित होंगे।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस काले कानून से जहाँ प्रदेश के किसानों के हितों पर कुठाराघात होगा वहीँ सरकारों के विभाग मंडी परिषद और विपणन समितियों के खात्मे से उसमे सेवा दे रहे लाखो लाख कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार यह काला कानून वापस नही लेती है तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी ।

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