वेद विचार
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समावेद मंत्र ५८५ में सोम परमेश्वर का वर्णन किया गया है। मंत्र में वर्णन है कि सूर्य की उन किरणों को जो निकलने के योग्य होने पर भी बादलों के अंदर रुक जाती हैं, भग्न या दूर कर दो।
मंत्र का भावार्थ है कि जैसे परमेश्वर सूर्य और हमारे मध्य में स्थित मेघ या बादल की बाधा को विच्छिन्न करके सूर्य किरणों को भूमि पर प्रसारित कर देता है, वैसे ही जीवात्मा योगमार्ग में आये सब विघ्न-बाधाओं का विदारण कर सफलता प्राप्त करे।
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योगमार्ग सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में आने वाली विघ्न-बाधाओं का विदारण कर हमें उन बाधाओं पर सफलता प्राप्त करनी चाहिए। यदि हम प्रयत्न करेंगे तो ईश्वर हमें अवश्य सफल करेंगे।
-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य
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