यूपी की आठ रिक्त विधानसभा सीटों में से सात पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया

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रामपुर की (स्वार) सीट पर अभी नहीं होगा चुनाव

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को यूपी की आठ विधानसभा सीटों में से 7 पर उप चुनाव की तारीखों पर का ऐलान कर दिया है।

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रामपुर की स्वार सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई है। तीन नवंबर को सात सीटों पर उप चुनाव होगा। 8 सीटों में से 5 सीट पर 2017 में निर्वाचित विधायकों के निधन की वजह से सीटें खाली हुईं थी।2017 के विधानसभा चुनाव में 8 में से 6 पर भाजपा का कब्जा था। जिन 8 सीटों पर चुनाव होने हैं, उसमें से 5 विधानसभा सीटों पर 2017 में निर्वाचित विधायक कमल रानी वरुण, पारसनाथ यादव, वीरेंद्र सिरोही, जन्मेजय सिंह, चेतन चौहान का निधन हो चुका है।आयोग ने इस उपचुनाव का जो कार्यक्रम जारी किया उसके अनुसार 09 अक्टूबर तक नामांकन पर्चा खरीदा जा सकता है। 16 अक्टूबर तक नामांकन करने की आखिरी तारीख होगी।19 अक्टूबर तक उम्मीदवार के नाम वापसी होगी। 03 नवंबर को 7 सीटों पर मतदान होगा। जिसका परिणाम 10 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे आएंगे।इसमें घाटमपुर (कानपुर) कमल रानी वरुण (भाजपा), मल्हनी (जौनपुर) पारस नाथ यादव (सपा), बुलंदशहर सदर वीरेंद्र सिरोही (भाजपा), टूंडला (फिरोजाबाद) प्रोफसर एसपी सिंह बघेल (भाजपा), देवरिया सदर जन्मेजय सिंह (भाजपा), बांगरमऊ (उन्नाव) कुलदीप सिंह सेंगर (भाजपा से अब निष्कासित), नौगावां सादात (अमरोहा) चेतन चौहान (भाजपा) वर्तमान विधायक थे।रामपुर की (स्वार) सीट से अब्दुल्ला आजम खान (सपा) से विधायक थे। लेेेकिन गलत दस्तावेज लगाने पर सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की सदस्यता जा चुकी है। अब्दुल्लाह आजम के 6 साल चुनाव ना लड़ने पर रोक लगाने की शिकायत राष्ट्रपति से की गई है। बताया जा रहा है कि जब तक राष्ट्रपति के पास इस मामले में सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक चुनाव नहीं कराया जा सकता है। अब्दुल्ला आजम के संबंध में उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने बीते गुरुवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। जिस पर भारत निर्वाचन आयोग से सहमति के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक का आदेश जारी किया जाएगा। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2018 को अब्दुल्ला आज़म को भ्रष्ट आचरण का दोषी मानते हुए उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी। इसे आधार मानते हुए विधानसभा सचिवालय से इस सीट को 16 दिसंबर 2019 से रिक्त घोषित कर दिया गया था। यूपी में भाजपा को काबिज हुए लगभग साढ़े 3 साल का वक्त बीत चुका है। ऐसे में अब निर्वाचित विधायकों के पास सदन में बैठने का बहुत ज्यादा मौका नहीं होगा। सभी 8 निर्वाचित विधायक डेढ़ साल से भी कम वक्त के लिए निर्वाचित होंगे। दरअसल, 2022 में यूपी एक बार फिर विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट जाएगा।

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