मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला केस के बाद शुरू हुई जांच में बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ है। यूपी एसटीएफ का दावा है कि बेसिक शिक्षा विभाग में हजारों फर्जी शिक्षक काम कर रहे हैं।
इन शिक्षकों ने दूसरे के सर्टिफिकेट्स, मार्कशीट और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। इस तरह से इन फर्जी शिक्षकों ने सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया है। यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि इस फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ कर रही है। अब तक के खुलासे में फर्जी डिग्री, मार्कशीट व सर्टिफिकेट्स के साथ ही फर्जी पैन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया है।उन्होंने कहा कि अब तक कि जांच में जो बात पता चली है, उसमें यह तथ्य सामने आये हैं कि बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। कुछ लोगों ने गिरफ़्तारी के बाद भी अपने पैन को बदला है।अब इसमें इनकम टैक्स विभाग से भी मदद ली जा रही है।
अमिताभ यश ने बताया कि पैनकार्ड बदलवाने वाले शिक्षकों की जांच अब एसटीएफ ने शुरू कर दी है। फर्ज़ी मार्कशीट, सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों ने असली व्यक्ति के पैन नंबर का भी इस्तेमाल किया। असली मार्कशीट, सर्टिफिकेट, पैनकार्ड वाले व्यक्ति के पास अब इनकम टैक्स का नोटिस भी पहुंच चुका है। बेसिक शिक्षा विभाग से पैन बदलवाने वाले शिक्षकों की लिस्ट मांगी गई है।कुछ शिक्षकों के पैनकार्ड टाइपिंग की गलती से बदले हो सकते हैं।लेकिन अब तक की जांच में यह पता चला है कि हज़ारों की संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने पैन बदला है। अमिताभ यश ने बताया कि एसटीएफ ने इस बात की जांच की थी कि किसके-किसके पास फेक मार्कशीट थी। जब यह बात मीडिया में आई तो फर्जी शिक्षकों ने अपना पैन बदल दिया, लेकिन जब इनकम टैक्स का नोटिस ओरिजिनल व्यक्ति के पास पहुंचा तो मामला खुलकर सामने आया। ऐसा हो सकता है कि कुछ लोगों के नाम के साथ प्रिंटिंग मिस्टेक हो, लेकिन ऐसे शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। फर्जी शिक्षकों को संख्या ठीक ठाक है। उनकी संख्या हजारों में हैं। अब एसटीएफ ने उन सभी टीचर्स की लिस्ट मांगी है जिनके पैन एक जैसे हैं।