मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी पुलिस की पांच-पांच टीमों के लगी होने के बावजूद एक लाख का इनामी भगोड़ा आईपीएस माणिकलाल पाटीदार का सुराग नहीं मिल पा रहा है। राजस्थान तक मणिलाल पाटीदार को खोज कर लौट चुकी एसटीएफ के हाथों तहसील और राजस्व अधिकारियों के जरिए उसकी संपत्तियों के बारे में जरूर पता चल गया है। यूपी प्रशासन द्वारा एक लाख के इनामी भगोड़े आईपीएस मणिलाल पाटीदार की तकरीबन 50-60 करोड़ रूपए की संपत्तियों को कुर्क किए जाने की तैयारियां शुरू हो गई है। बीते 8 माह से फरार चल रहे भगोड़े आईपीएस के 1 माह के भीतर कोर्ट के सामने हाजिर न होने पर थाने में केस दर्ज किया गया है। मूल रूप से राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले वर्ष 2014 बैच के आईपीएस ऑफिसर मणिलाल पाटीदार के खिलाफ लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण की अदालत ने वारंट जारी कर रखा है। भगोड़े आईपीएस की गिरफ्तारी के लिए आईजी रेंज के स्तर से एसआईटी टीम तक गठित है। भ्रष्टाचार के मामले में फरार होने के बाद प्रयागराज पुलिस ने भगोड़े आईपीएस मणिलाल पाटीदार के ऊपर शासन की ओर से एक लाख रूपये का इनाम घोषित किये जाने के बाद उसकी नामी और बेनामी संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है।
अब तक की गई खोजबीन में पता चला है कि मणिलाल पाटीदार ने राजस्थान में अपने पिता राम जी पाटीदार के नाम से फ्लैट खरीदा है। इसके अलावा दुकान व मकान समेत तीन अन्य संपत्तियों का भी पुलिस को जांच पड़ताल में पता चला है। सूत्रों के मुताबिक भगोड़े आईपीएस मणिलाल पाटीदार की अब तक कुल 5 संपत्तियों को पुलिस की ओर से चिन्हित किया जा चुका है। यह सभी संपत्तियां राजस्थान में हैं। जिनकी बाजार कीमत तकरीबन 50 से लेकर 60 करोड रूपये के आसपास है। जल्द ही पुलिस कोर्ट में अर्जी देकर भगोड़े आईपीएस की संपत्तियों को कुर्क करेगी। उल्लेखनीय है कि भगौडे आईपीएस मणिलाल पाटीदार को गिरफ्तारी न होने पर पिछले मई महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। जिसके बाद महोबा जिले से तीन और प्रयागराज जिले से दो टीमों को भगोड़े आईपीएस की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। जिसमें एसटीएफ यानि स्पेशल टास्क फोर्स की भी टीम शामिल है।
फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार महोबा जिले के जाने-माने क्रेशर प्लांट कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी आत्महत्या केस का मुख्य आरोपी है। सितंबर 2020 में मणिलाल पाटीदार महोबा जिले का पुलिस अधीक्षक था। तब क्रेशर प्लांट कारोबारी इंद्रकांत की मौत से पहले उसके कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे। जिसमें उस पर छह लाख रुपये प्रतिमाह रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। एसपी क्राइम प्रयागराज आशुतोष मिश्रा का कहना है कि फरार अभियुक्त की तलाश में टीमें लगी हैं। उसकी संपत्तियों के चिन्हीकरण का कार्य चल रहा है। सारी संपत्तियों को चिन्हित करने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया की जाएगी।