मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। जैसे-जैसे योगी सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कोई न कोई भ्रष्टाचार का मामला उछल रहा है। सोमवार को कोरोना को लेकर पीपीई किट खरीद में घोटाले की जांच की मांग से जीरो टॉलरेंस वाली सरकार घिर गई है। एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू) प्रशासन पर कोरोना टेस्टिंग किट की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि उन्हें प्राप्त अभिलेखों के अनुसार केजीएमयू वीटीएम किट 35.40 रुपए की दर से खरीद रहा है और उसी किट को यूपी मेडिकल सप्लाई कॉपोर्रेशन मात्र 7.25 रुपए में खरीद रहा है। केजीएमयू इस किट को जिस एवेंटर परफॉमेर्ंस मैटीरियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 35.40 रुपए में खरीद रहा है वही कंपनी बिहार राज्य को ये किट 19.40 रुपए में सप्लाई कर रहा है।
इसके विपरीत यूपी मेडिकल सप्लाई कॉपोर्रेशन ने 7.25 रुपए की दर से 21 लाख किट का 1,52,25,000 रुपए भुगतान किया, झारखण्ड ने यह किट 22.40 रुपए में तथा गुजरात ने यह किट 13.44 पैसे की दर से खरीदा। इसी तरह केजीएमयू आरएनए एक्सट्रैक्शन किट मेसर्स जीनियस बायो सिस्टम पुणे से 65.03 रुपए में खरीद रहा है जबकि गुजरात यह किट 13.95 रुपए तथा उड़ीसा 14 रुपए में खरीद रहा है।
केजीएमयू आरटीपीसीआर किट मेसर्स इवोल्यूशन प्रा. लिमिटेड से 50.40 रुपए में खरीद रहा है जबकि गुजरात यह किट 23 रुपए, झारखण्ड 28 रुपए तथा असम 30.88 रुपए में खरीद रहा है।नूतन ने कहा कि ये तथ्य प्रथमद्रष्टया अत्यंत ही गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने इसकी गहन जाँच तथा जाँच में प्राप्त तथ्यों के क्रम में एफआईआर तथा अन्वेषण की मांग की है।