मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि वैश्विक महामारी कोरोना के खात्मे के लिए मकर संक्रांति से टीकाकरण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण श्रेणीवार किया जाएगा।
इससे कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रूप से नियंत्रण में सफलता मिलेगी। प्रदेश के छह जिलों में ड्राईरन शुरू हो चुका है। पांच जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में ड्राईरन सफलता पूर्वक सम्पन्न किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2021 में कोरेाना-19 महामारी का खात्मा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी, शनिवार को गोरखपुर कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ताओं के बहुमंजिला चेम्बर के निर्माण कार्य के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीने से वैश्विक महामारी कोरोना 19 से हर व्यक्ति त्रस्त है। दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका की हालत किसी से छिपी नहीं। बिट्रेन जिसने टीका की शुरूआत की वहां फिर से लॉकडाउन की स्थिति बनने लगी है। 2021 की शुरुआत में विश्वास के साथ कह सकते हैं कि पांच जनवरी से पूरे प्रदेश में ड्राई रन होगा। छह जिलों में ड्राईरन चल रहा है। मकर संक्रांति से देश और प्रदेश में कोरोना का टीकाकरण शुरू होगा। हम इस सदी की सबसे बड़ी बीमारी का खात्मा करने में सफल होंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब किसी महामारी से लड़ते हैं तब सरकारें सिर्फ नेतृत्व करती हैं। लेकिन सफलता जन सहयोग और सभी संस्थाओं से साझा प्रयास से मिलती है। भारत के प्रयासों की डब्ल्यूएचओ ने भी सराहना की। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य उत्तर प्रदेश कोरोना की रोकथाम में भी सबसे बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा। आज प्रदेश में 68 हजार से घट कर कोरोना के मामले 13 हजार पर पहुंच गए हैं। रिकवरी रेट 97 फीसदी और मृत्यु दर एक फीसदी के आसपास है। सरकार के अस्पतालों में कोरोना का उपचार करने वालों ने इंतजाम की सराहना की। 20 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ। 40 लाख कामगार और प्रवासी यूपी आए। मजदूरों और प्रतियोगी छात्रों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया गया। उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया। प्रदेश के विकास की गति भी थमने नहीं दी गई। कोरोना-19 पर प्रभावी नियंत्रण भी लगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड काल में तकनीक की मदद से महिलाओं, मजदूरों, पेंशनधारियों की चिंता की गई। 86 लाख से अधिक वृद्धों, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांगों को पेंशन और एडवांस पेंशन की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में एक क्लिक में भेजी गई। इन रुपयों को निकालने के लिए बैकों में लाइन न लगानी पड़े, बैकिंग करेस्पांडेंट सखी की नियुक्ति हर ग्राम पंचायत में की गई। जनधन खाताधारी महिलाओं के खाते में एडवांस धनराशि उपलब्ध कराई गई। यह सब कुछ तकनीक की मदद से संभंव हो सका। इसके लिए अलग से मैनपॉवर की जरूरत नहीं हुई बल्कि मौजूदा संसाधन में सफलतापूर्वक ऐसे अनेकों कार्यक्रमों को पूरा किया गया।
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