मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी में अपराधियों ने फिर साबित कर दिया कि उसे पुलिस का भय नहीं है। कानपुर देहात के बिकरुकाण्ड का धब्बा अभी धुमिल भी नहीं पड़ पाया था कि कासगंज में शराब माफिया और उसके गुर्गों ने कुर्की के लिए नोटिस चस्पा करने गए दारोगा और सिपाही को शराब माफिया ने पकड़ लिया। उन्होंने पीट-पीटकर सिपाही को मौत के घाट उतार दिया, जबकि दारोगा की हालत गंभीर बनी हुई है। दोनों गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में बंधक मिले हैं। दारोगा पर भाला से हमला किया गया है, जबकि सिपाही के सिर पर कई वार किया गया। देर रात कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। अधिकारी समन तामील के लिए रवानगी की भी बात कह रहे हैं।
कासगंज जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर गंगा की कटरी में स्थित गांव नगला धीमर में दारोगा अशोक कुमार सिंह व सिपाही देवेंद्र कुमार मंगलवार शाम शराब माफिया मोतीराम की कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे। वहां माफिया ने दोनों को घेर लिया और एक पेड़ से बांधकर जमकर पीटा। इसके बाद माफिया व ग्रामीण दोनों को डेढ़ किलोमीटर दूर खेत पर ले गए। वहां भी दोनों की पिटाई की, वर्दी भी फाड़ दी।
पटियाली के सीओ गवेंद्र पाल गौतम सूचना मिलने पर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिले के कई थानों की फोर्स को बुलाया गया। पुलिस को दोनों खेत में बंधक मिले। अस्पताल लाने तक सिपाही की मृत्यु हो गई, जबकि दारोगा की हालत गंभीर बनी हुई है। आइजी पीयूष मोडिया ने बताया कि पुलिसकर्मी जहरीली शराब के एक मामले में कुर्की पूर्व नोटिस चस्पा करने गए थे। वहां दोनों को बंधक बना लिया। पुलिस को दारोगा एक खेत में मिले, उनकी बाइक के अलावा एक अन्य बजाज प्लेटिना बाइक भी मिली है। दारोगा की वर्दी जूते भी पास ही पड़े थे। लगभग आधा घंटे बाद सिपाही भी एक गेहूं के खेत में गंभीर हालत में मिला। यहां पुलिस को शराब की भट्टी का सामान बिखरा पड़ा मिला है। पुलिसकर्मियों को देर रात तक दारोगा व सिपाही का असलाह नहीं मिल पाये हैैं। दोनों की थाने से रवानगी असलाह के साथ ही हुई थी। देर रात तक पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।