यूपी विधानपरिषद के दस प्रत्यशियों में एक भी महिला नहीं,

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यह बहुत शर्मनाक स्थित है-डॉ दीप्ति भारद्वाज

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। किसी ने ऐसी कल्पना नहीं की थी कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का विरोध करते-करते भाजपा महिला विरोधी होने की राह पर चली जायेगी। यूपी में विधानपरिषद की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव में मतदान की स्थित न आयी तो 10 सीटों पर भाजपा की जीत पक्की है।

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भाजपा नेतृत्व ने दस प्रत्याशियों की घोषणा भी किया। लेकिन किसी भी महिला कार्यकर्ता को प्रत्याशी नहीं बनाया गया। घोषणा पूरी होते ही पार्टी में घमासान बढ़ गया है। पूर्व प्रवक्ता डॉ डिप्टी भारद्वाज ने टीयूट कर अपने नेतृत्व पर खुला  हमला बोल दिया। उन्होंने अपने टीयूटर हैंडल से टियूट कर कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि दस प्रत्याशियों में पार्टी नेतृत्व कोई भी महिला नाम नहीं चयनित कर पायी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राजनीति में 33% महिला आरक्षण की बात करने वाले लोगों का यह निर्णय है। मिशन शक्ति, महिला उद्यमिता, महिला स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण का प्रचार करने वाले लोग राजनीति में महिलाओं को भागीदारी नहीं देना चाहते।

 

महिला स्वाबलंबन, सशक्तिकरण, उद्यमिता और विकास की बड़ी बड़ी बातें करने वाली भारतीय जनता पार्टी अपने आधार राज्य उत्तर प्रदेश में ही महिलाओं को उचित राजनीतिक सम्मान देने से चूकी। उन्होंने कहा कि राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की हिमायती भाजपा अपने भीतर ही महिलाओं के प्रति असहिष्णु, असंवेदनशील व अलोकतांत्रिक सिद्ध हुई है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 10 प्रत्याशियों में महिलाओं को स्थान देना उचित नहीं समझा गया, जबकि महिला मोर्चा निरंतर सक्रिय है और प्रदेश भर में सक्षम महिलाएं हैं।

यूपी विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा ने शनिवार को छह और प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। शनिवार को घोषित किए गए उम्मीदवारों में भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद शुक्ला, कुंवर मानवेंद्र सिंह, पूर्व महामंत्री सलिल विश्नोई, अश्विनी त्यागी, धर्मवीर प्रजापति और सुरेंद्र चौधरी शामिल हैं। इस तरह भाजपा ने अब तक कुल 10 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके पहले प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, विधान परिषद में पार्टी के उप नेता लक्ष्मण आचार्य और दिल्ली से आए पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद शर्मा को पहले ही उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है।दो ब्राह्मण, दो भूमिकार, एक वैश्य, एक धोबी, एक कुर्मी, एक आदिवासी, एक कुम्हार, एक ठाकुर में सिमट गयी है।

भाजपा की महिला नेता और जिम्मेदार नेता इस मुद्दे पर बात करने से भाग रहे हैं। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधन मिश्र “मोना” ने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है, लेकिन उसका महिला विरोधी चेहरा उजागर हो गया। समाजवादी पार्टी की प्रतिभा यादव ने कहा कि जिस पार्टी का मुखिया महिलाओं का सम्मान नहीं करता तो उनके गुर्गों से भी महिला सम्मान का भरोसा नहीं करना चाहिये।

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