ये हैं संघ के संस्कार: संघ के संस्कार ही थे, जो नारायण ने मौत का रास्ता चुना

मैं 85 का हूं, जिंदगी जी चुका हूं… बोलकर आरएसएस के नारायण ने युवा मरीज को दे दिया अपना बेड कहावत है कि धन-बल से मनुष्य ऐश्वर्य तो प्राप्त कर सकता है, लेकिन वह सम्मान नहीं प्राप्त कर सकता है, जो उसके पास धन-बल न रहने पर भी बना रहे। वास्तव में देखा जाए तो … Continue reading ये हैं संघ के संस्कार: संघ के संस्कार ही थे, जो नारायण ने मौत का रास्ता चुना