भारत सरकार के सहयोग से 32,000 करोड़ रु0 की
लागत से मेरठ को मेट्रो का विकल्प देने जा रहे
यह मेरठ को दिल्ली के साथ जोड़ेगा, यह देश का पहला कार्य होगा,
जहां इतनी बड़ी दूरी से जोड़ने की कार्य योजना बन रही
03 वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को
01 लाख 12 हजार करोड़ रु0 का भुगतान किया
राज्य सरकार ने 300 खाण्डसारी उद्योगों को लाइसेंस देकर व्यापक पैमाने
पर फिर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खाण्डसारी उद्योग को पुनर्जीवित किया
मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया उनको नमन किया
कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित
तीन दिवसीय कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
लखनऊ: 13 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय भवन का लोकार्पण किया। साथ ही, उन्होंने किसानों के हित से जुड़ी 325 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से खाद्यान्न आपूर्ति को सुनिश्चित करते हुए भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। प्रदेश को आगे बढ़ाने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का अभिनन्दनीय योगदान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान है।उन्होंने कहा कि किसानों की तरक्की में ही देष की तरक्की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। यहां का किसान मेहनत भी करता है, साथ ही एकता और अखण्डता के लिए जब भी आह्वान होता है, तो समर्पित भाव से आगे आकर योगदान देता है। खेती-किसानी के बाद जो समय बचता है, वह समय यहां का किसान अपनी आस्था को व्यक्त करने में व्यतीत करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने यहां की गंग नहर के किनारे कांवड़ की एक अतिरिक्त लेन बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक की सहमति दी है। इसे महान किसान नेता और देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह जी को समर्पित किया गया है। यह सड़क कांवड़ यात्रियों को समर्पित है, ताकि खेती-किसानी के बाद जो समय मिलता है, उससे आस्था को मजबूती प्रदान करने का अवसर मिल सके। उन सभी चीजों को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 32,000 करोड़ रुपए की लागत से और भारत सरकार के सहयोग से मेरठ को मेट्रो का विकल्प देने जा रहे हैं। यह मेरठ को दिल्ली के साथ जोड़ेगा। साथ ही, यह देश का पहला कार्य होगा, जहां इतनी बड़ी दूरी से जोड़ने की कार्य योजना बन रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों, युवाओं, बहन-बेटियों, माताओं, विद्वानों और समाज के हर तबके के लोगों ने देश के विकास में अपना योगदान दिया है, उसके प्रति शासन कृतज्ञतापूर्वक अपना कार्य कर सके, इसी भाव के साथ केन्द्र और राज्य सरकार कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 03 वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। रमाला चीनी मिल के विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण की मांग 40 वर्षों से हो रही थी। राज्य सरकार ने वहां पर नया प्लाण्ट देकर किसानों को पूरी तरह से आश्वस्त किया कि उनके हितों को हर प्रकार का संरक्षण देंगे। सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने 300 खाण्डसारी उद्योगों को लाइसेंस देकर व्यापक पैमाने पर फिर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खाण्डसारी उद्योग को पुनर्जीवित किया है। अब यह उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी दे रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश व दुनिया को जितनी चीनी की आवश्यकता होगी, उतनी चीनी का उत्पादन किया जाएगा। शेष गन्ने से एथेनॉल बनाकर वाहनों को इससे चलाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे खाड़ी देशों को पेट्रोल व डीजल के नाम पर पैसा नहीं देना पड़ेगा। वह पैसा हमारे किसानों के खाते में जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं आने दी जाएगी। साथ ही, यहां की बहन-बेटियों की सुरक्षा के साथ भी किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कृषि विश्वविद्यालय मेें सरदार वल्लभभाई पटेल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया उनको नमन किया। उन्होंने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल का पूरा जीवन देश व समाज के लिए समर्पित रहा तथा अखण्ड भारत के निर्माण में उनके योगदान व दूरदर्षी सोच को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सरदार पटेल हम सभी की प्रेरणा के स्रोत है।
मुख्यमंत्री जी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित तीन दिवसीय कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगे स्टाॅलों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कृषि प्रदर्शनी से किसानों को नई तकनीक की जानकारी होगी तथा जैविक खेती के विभिन्न आयामों से भी किसान अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक संख्या में आकर इस कृषि प्रदर्शनी का लाभ लेना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने लाभार्थी किसानों को अनुदान पर मिले ट्रैक्टरों की चाभी सौंपी।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से खाद्यान्न आपूर्ति को सुनिश्चित करते हुए भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। प्रदेश को आगे बढ़ाने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का अभिनन्दनीय योगदान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान है।उन्होंने कहा कि किसानों की तरक्की में ही देष की तरक्की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। यहां का किसान मेहनत भी करता है, साथ ही एकता और अखण्डता के लिए जब भी आह्वान होता है, तो समर्पित भाव से आगे आकर योगदान देता है। खेती-किसानी के बाद जो समय बचता है, वह समय यहां का किसान अपनी आस्था को व्यक्त करने में व्यतीत करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने यहां की गंग नहर के किनारे कांवड़ की एक अतिरिक्त लेन बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक की सहमति दी है। इसे महान किसान नेता और देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह जी को समर्पित किया गया है। यह सड़क कांवड़ यात्रियों को समर्पित है, ताकि खेती-किसानी के बाद जो समय मिलता है, उससे आस्था को मजबूती प्रदान करने का अवसर मिल सके। उन सभी चीजों को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 32,000 करोड़ रुपए की लागत से और भारत सरकार के सहयोग से मेरठ को मेट्रो का विकल्प देने जा रहे हैं। यह मेरठ को दिल्ली के साथ जोड़ेगा। साथ ही, यह देश का पहला कार्य होगा, जहां इतनी बड़ी दूरी से जोड़ने की कार्य योजना बन रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों, युवाओं, बहन-बेटियों, माताओं, विद्वानों और समाज के हर तबके के लोगों ने देश के विकास में अपना योगदान दिया है, उसके प्रति शासन कृतज्ञतापूर्वक अपना कार्य कर सके, इसी भाव के साथ केन्द्र और राज्य सरकार कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 03 वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। रमाला चीनी मिल के विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण की मांग 40 वर्षों से हो रही थी। राज्य सरकार ने वहां पर नया प्लाण्ट देकर किसानों को पूरी तरह से आश्वस्त किया कि उनके हितों को हर प्रकार का संरक्षण देंगे। सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने 300 खाण्डसारी उद्योगों को लाइसेंस देकर व्यापक पैमाने पर फिर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खाण्डसारी उद्योग को पुनर्जीवित किया है। अब यह उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी दे रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश व दुनिया को जितनी चीनी की आवश्यकता होगी, उतनी चीनी का उत्पादन किया जाएगा। शेष गन्ने से एथेनॉल बनाकर वाहनों को इससे चलाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे खाड़ी देशों को पेट्रोल व डीजल के नाम पर पैसा नहीं देना पड़ेगा। वह पैसा हमारे किसानों के खाते में जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं आने दी जाएगी। साथ ही, यहां की बहन-बेटियों की सुरक्षा के साथ भी किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कृषि विश्वविद्यालय मेें सरदार वल्लभभाई पटेल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया उनको नमन किया। उन्होंने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल का पूरा जीवन देश व समाज के लिए समर्पित रहा तथा अखण्ड भारत के निर्माण में उनके योगदान व दूरदर्षी सोच को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सरदार पटेल हम सभी की प्रेरणा के स्रोत है।
मुख्यमंत्री जी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित तीन दिवसीय कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगे स्टाॅलों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कृषि प्रदर्शनी से किसानों को नई तकनीक की जानकारी होगी तथा जैविक खेती के विभिन्न आयामों से भी किसान अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक संख्या में आकर इस कृषि प्रदर्शनी का लाभ लेना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने लाभार्थी किसानों को अनुदान पर मिले ट्रैक्टरों की चाभी सौंपी।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें।
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