मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। इंटरनेट के जरिए काल करने वाले बदमाश पुलिस के लिए सिरदर्द बने हैं। सर्विलांस के जरिए शातिरों तक पहुंचने वाली पुलिस इन शातिरों को पकड़ने के लिए लंबे समय से जूझ रही है। सिकरीगंज के व्यापारी से रंगदारी मांगे जाने से पहले भी इंटरनेट काल के जरिए धमकी देने के कई मामले सामने आये, जिसका पर्दाफाश आज तक नहीं हुआ। यदि किसी शिरफिरे की हरकत है तो डर की बात नहीं है लेकिन यदि यह किसी आतंकी नेटवर्क की हरकत होगी तो परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।
एक माह पहले स्पूफिंग काल के जरिए डीआइजी, एसएसपी व सीओ के सीयूजी नंबर से महिला को धमकी दी गई थी। एसएसपी के आदेश पर तिवारीपुर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन आरोपित को ट्रेस करने में नाकाम रही। 2016 में मिली धमकी पर तत्कालीन एसएसपी ने एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की मदद से जांच का भरोसा दिलाया था। लेकिन जब वर्षों तक अपराधियों तक नहीं पहुंच पायी तो यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि यह किसी सिरफिरे की हरकत है।बता दें कि इंटरनेट काल के जरिए फोन आने के बाद जिले में कुछ दिन हड़कंप और अफरा-तफरी फैल जाती है। बताया जाता है कि वर्ष 2007 में इसी तरह की धमकियों के बाद गोलघर में सीरियल ब्लास्ट की घटना हुई थी।
इन मामलों का नहीं हुआ पर्दाफाश
18 जून 2021 को सिकरीगंज क्षेत्र के रहने वाले व्यापारी को इंटरनेट काल के जरिए फोन कर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी गई।बात न मानने पर जान से मारने की धमकी मिली।
आठ जून 2021 को स्पूफिंग काल के जरिए डीआइजी, एसएसपी व सीओ के सीयूजी नंबर से तिवारीपुर क्षेत्र की रहने वाली महिला को धमकी दी गई।