योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट पंचतत्व में विलीन

0
399
पौड़ी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का आज यहां गंगा व हेवल नदी के संगम तट फूल चट्टी घाट पर विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
फूलचट्टी स्थित गंगा घाट पर आज सुबह 9.10 बजे आनंद सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर लाया गया। यहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री अजेय, उत्तर प्रदेश के एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर सौम्य श्रीवास्तव, योगी आदित्यनाथ के ओएसडी राज भूषण सिंह रावत, स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
ज्येष्ठ पुत्र मानवेंद्र सिंह बिष्ट ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान उनके पुत्र शैलेन्द्र सिंह व कनिष्ठ पुत्र महेंद्र सिंह सहित परिवार व गांव के लोग भी मौजूद थे। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मौके पर मौजूद नहीं थे। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मद्देनजर कामकाज में अत्यधिक व्यस्त होने के कारण उन्होंने अंतिम संस्कार में नहीं आने की कल ही घोषणा की थी। आनंद सिंह बिष्ट के सबसे बड़े पुत्र मानवेंद्र सिंह है। दूसरे नंबर पर योगी आदित्यनाथ (अजय मोहन सिंह बिष्ट) हैं। तीसरे बेटे शैलेंद्र सिंह भारतीय सेना में सूबेदार हैं और चौथे एवं सबसे छोटे पुत्र महेंद्र सिंह बिष्ट पत्रकारिता में है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उपचार के दौरान सोमवार सुबह 10:44 पर निधन हो गया था। सोमवार देर रात उनके पार्थिव शरीर को पचोर गांव लाया गया था जहां गरुड़ पुराण का पाठ भी किया गया। आज सुबह 10 बजे पैतृक घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here