विपक्ष ने कहा प्रदेश में वहाशिराज-योगी इस्तीफा दो
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।हाथरस गैंगरेप कांड में पीड़िता की मौत और उसके बाद परिवार की मर्जी के खिलाफ जबरन अंतिम संस्कार के आरोप पर चौतरफा घिरी यूपी सरकार ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है।
सचिव की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है। सीएम ने पूरे घटनाक्रम पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए टीम को घटना की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समयबद्ध ढंग से जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं। गौरतलब है कि इस मामले में चारों आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। सीएम ने उनके खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाकर जल्द से जल्द सजा दिलाने का भी आदेश दिया।बता दें कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने कल आखिरी सांस ली और उसके बाद अस्पताल के बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। योगी ने मामले में जड़ तक पहुंचने के लिए एसआईटी गठित कर दी है। इस टीम में दलित और महिला अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। इस तीन सदस्यीय टीम की अध्यक्षता गृह सचिव भगवान स्वरूप करेंगे। अन्य दो सदस्यों में डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम को शामिल किया गया है। सीएम ने टीम को पूरे मामले की जांच कर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। प्रधानमंत्री के कहने पर एसआईटी गठित करने वाले मुख्यमंत्री यह बतायें कि 14 सितंबर से आज 30 सितंबर तक क्या कर रहे थे? उन्होंने पुलिस द्वारा जबरन किए गए अंतिम संस्कार को घोर अमानवीयता बताया है। प्रियंका ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांगा की है। आम आदमी पार्टी के महासचिव संजय सिंह ने इस घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने एसआइटी जांच पर कहा कि ये तो चोर की जांच करने की जिम्मेदारी चोर को दे दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दरिंदों का संरक्षक बताया। पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने दोषियों को लगातार बचाया। दरिंदों के खिलाफ पहले समय रहते मुकदमा नहीं लिखा गया,बाद में समय रहते दिल्ली के एम्स में इलाज नहीं कराया गया। अंत मे उसके शव को भी परिजनों को न सौंप कर पुलिस ने अपने कब्जे में करके बाद में खुद ही डीजल-पैट्रोल डाल कर पीड़िता का शव जला दिया।