मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। क्षय रोग के समूल विनाश के लिये एक कार्य योजना बनाने पर जोर देते हुये उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिये ग्राम प्रधानो का भी सहयोग लिया जाना चाहिये। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को राजभवन में ‘सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान’ के शुभारम्भ अवसर पर कहा कि यह एक गम्भीर बीमारी है जो हम सभी के लिये चुनौती बनी हुई है। इसे हराने के लिये हमे सुनियोजित तरीके से कार्य योजना बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और देश को टीबी मुक्त बनाना है। इसके लिये हमें वृद्धाश्रम, नारीगृह, कारागार, मलिन एवं श्रमिक बस्तियां, आंगनवाड़ी केन्द्र तथा प्राथमिक विद्यालयों में क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को गंभीरतापूर्वक चिन्हित करना होगा। उचित होगा कि इस अभियान से टीबी के साथ-साथ एचआईवी तथा कुपोषित बच्चों को भी जोड़ा जाये।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के समय स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा अच्छा कार्य किया गया है। इसका कारण था कि सरकार तथा उसकी टीम के साथ-साथ जनता द्वारा भी सहयोग किया गया। वाराणसी में स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से सूची बनाकर कुपोषित एवं क्षय रोग ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उसकी देखभाल की गयी। ऐसे बच्चों को अनेक अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया तथा उचित देखभाल एवं पोषण के कारण अनेक बच्चे स्वस्थ भी हो गये हैं, ये एक बहुत अच्छी पहल है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार से सभी जिलों के अधिकारियों को इस पुनीत कार्य में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए वे प्रभावित बच्चों तथा उनके माता-पिता से मिलें, संवाद बनाये रखें तथा उनकों मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें उनके लिये फल, मिठाई आदि लेकर उनके घर जायें इस प्रकार वे भावनात्मक रूप से जुड़ेंगे और 6-7 माह में अनेक बच्चे टीबी से बाहर निकल जाएंगे।