वर्तमान सरकार अन्तिम पीड़ित व्यक्ति को  न्याय दिलाने के लिए संकल्पबद्ध: मुख्यमंत्री

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सुशासन की नींव मजबूत करने, अपराधों की 
रोकथाम व कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 
दक्ष और संवेदनशील पुलिसिंग अत्यन्त आवश्यक 
 
उ0प्र0 पुलिस ने हर परिस्थिति में दायित्वों का निर्वहन किया 
है, कोरोना जैसी गम्भीर और वैश्विक महामारी में उ0प्र0 
पुलिस बल मजबूत स्तम्भ की तरह कार्य कर रहा
 
 मुख्यमंत्री ने डाॅ0 भीम राव आम्बेडकर पुलिस अकादमी, 
मुरादाबाद के आधारभूत प्रशिक्षण उपरान्त परिवीक्षाधीन 
पुलिस उपाधीक्षकों एवं सहायक अभियोजन अधिकारियों 
के दीक्षान्त समारोह को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया
 
बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था स्थापित करने के उद्देश्य से प्रदेश 
सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ विगत साढ़े तीन वर्षों में 
01 लाख 37 हजार पुलिसकर्मियों/अधिकारियों की नियुक्ति की
 
अपराधों की रोकथाम, अनावरण, अपराधियों को दण्डित करवाना, 
कानून व्यवस्था व सुरक्षा, पुलिस की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 
 
पुलिस बल किसी अपराध में तथ्यों का अन्वेषण करता, अभियोजक प्रभावी
पैरवी से अपराधियों को दण्डित करवाने का कार्य करते
 

लखनऊ: 03 अक्टूबर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान सरकार अन्तिम पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि सुशासन की नींव मजबूत करने, अपराधों की रोकथाम व कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दक्ष और संवेदनशील पुलिसिंग अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हर परिस्थिति में दायित्वों का निर्वहन किया है। कोरोना जैसी गम्भीर और वैश्विक महामारी में उत्तर प्रदेश पुलिस बल मजबूत स्तम्भ की तरह कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर डाॅ0 भीम राव आम्बेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद के आधारभूत प्रशिक्षण उपरान्त परिवीक्षाधीन पुलिस उपाधीक्षकों एवं सहायक अभियोजन अधिकारियों के दीक्षान्त समारोह को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण प्राप्त सभी अधिकारियों को हार्दिक बधाई देते हुए उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना की। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोविड-19 से त्रस्त है, ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में डाॅ0 भीम राव आम्बेडकर पुलिस अकादमी द्वारा आम जनमानस की सेवा हेतु दक्ष व प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों और सहायक अभियोजन अधिकारियों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाना सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है। अपराधों की रोकथाम, अनावरण, अपराधियों को दण्डित करवाना, कानून व्यवस्था व सुरक्षा यह सभी पुलिस की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। कहा कि वर्तमान में अपराध का स्वरूप बदला है। इसलिए प्रशिक्षण में तकनीक आधारित प्रशिक्षण अत्यन्त आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण आप सभी को कर्तव्य पालन के दौरान, जहां कठोरता के साथ कर्तव्य निर्वहन के लिए तैयार करेगा, वहीं आम जनमानस के साथ विनम्रता पूर्वक सामंजस्य रखते हुए अनुशासन और सत्य निष्ठा का उदाहरण भी प्रस्तुत करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस बल किसी अपराध में तथ्यों का अन्वेषण करता है। अभियोजक प्रभावी पैरवी से अपराधियों को दण्डित करवाने का कार्य करते हैं। मुकदमों के विचारण तथा अपराधियों को दण्डित कराने में लोक अभियोजक आपराधिक न्याय प्रणाली के आधार स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था स्थापित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ विगत साढ़े तीन वर्षों में 01 लाख 37 हजार पुलिस कर्मियों/अधिकारियों की नियुक्ति की है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस उपाधीक्षकों में ओवरआल प्रशिक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रशिक्षु-श्री दरवेश कुमार, इनडोर प्रशिक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रशिक्षु-श्री कमलेश कुमार, सहायक अभियोजन अधिकारियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली प्रशिक्षु-सुश्री विपर्णा गौड़ को बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि वे सभी अपने साथियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे।
ज्ञातव्य है कि पुलिस उपाधीक्षक पद के 85वें आधारभूत प्रशिक्षण कोर्स के 30 अधिकारियों व सहायक अभियोजन अधिकारी पद के 30 अधिकारियों को सफल प्रशिक्षण पूर्ण किया है। पुलिस उपाधीक्षक पद के अधिकारियों ने साढ़े बारह महीने का कठोर प्रशिक्षण पूर्ण किया है, वहीं सहायक अभियोजन अधिकारियों ने 03 माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
अकादमी में प्रशिक्षुओं को इण्डोर व आउटडोर प्रशिक्षण दिया जाता है। इनडोर प्रशिक्षण के अन्तर्गत कानून-व्यवस्था, विधि, मानवाधिकार, साइबर क्राइम, पुलिस रेगुलेशन की जानकारी देकर पुलिस की कार्यप्रणाली व कानूनी पहलुओं की समझ विकसित की जाती है। आउटडोर प्रशिक्षण के अन्तर्गत शारीरिक मजबूती, फुर्ती व फिटनेस के लिए दौड़, ड्रिल, पीटी एक्सरसाइज, जंगल टेªनिंग, घुड़सवारी, तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाता है। दक्ष, संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह व निष्ठा के साथ जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल की स्थापना में यह प्रशिक्षण बेहद कारगर है।

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