विकास की पत्नी ऋचा दुबे बेटे के साथ लखनऊ लौटी

0
262

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसकी पत्नी रिचा दुबे, बेटा और नौकरानी लखनऊ लौट आये। पुलिस विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि ”कानपुर में शुक्रवार को दुबे के अंतिम संस्कार के बाद उसकी पत्नी,बेटा और नौकरानी लखनऊ आ गए हैं”।

manoj shrivastav

कृष्णानगर के एक पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि किया। कानपुर जेल के अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि न तो रिचा दुबे और न ही उनकी नौकरानी को कानपुर की जिला जेल या चौबेपुर में कोविड-19 के कारण बनी अस्थायी जेल में लाया गया था।विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, उसके बेटे और उसकी नौकरानी को कुख्यात अपराधी को पनाह देने और उसके गुनाहों में शामिल होने के आरोप में बृहस्पतिवार शाम लखनऊ के कृष्णानगर स्थित घर से एसटीएफ की टीम पूछताछ के लिये कानपुर ले गयी थी, जहां बाद में इन सभी को छोड़ दिया गया था। शुक्रवार को कानपुर के भैरोघाट पर विकास दुबे के अंतिम संस्कार के वक्त उसकी पत्नी रिचा ने मीडिया कर्मियों से काफी नाराजगी में बात की। उसने एक सवाल पर कहा “हां, हां, हां, विकास ने गलत किया था और उसके साथ यही होना था।”

Advertisment

रिचा ने दुबे का अंतिम संस्कार कवर करने आए मीडिया कर्मियों पर भी गुस्सा उतारा था और उन्हें वहां से चले जाने को कहा था। उसने दुबे की मुठभेड़ में मौत के लिए मीडिया को जिम्मेदार बताया था।अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया था कि दुबे के रिश्तेदार दिनेश तिवारी ने उसके शव का अंतिम संस्कार कराया। यह वही दिनेश है जिसे पुलिस ने पिछले हफ्ते कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के फौरन बाद पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इस बीच, विकास के बिकरू गांव में त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) को तैनात कर दिया गया है। एक पुलिस जीप गांव में देखी गयी जिसमें बैठे पुलिसकर्मी गांववालों से कह रहे थे कि अगर उनके पास पुलिस मुठभेड़ के दौरान छीने गये हथियारो के बारे में कोई जानकारी हो, तो वह उसके बारे में जानकारी दें। दो और तीन जुलाई की मुठभेड़ के दौरान अभियुक्तों ने पुलिस के हथियार भी छीन लिये थे। गांव वालो से चौबीस घंटे के अंदर जानकारी देने को कहा गया है। पिछले शनिवार को गांव में जमींदोज किए जा चुके दुबे के घर के आस-पास करीब 60 पुलिसकर्मियों का कड़ा पहरा है। उनमें से ज्यादातर एक नीम के पेड़ के नीचे चारपाई डाल कर बैठे हैं। यह पुलिसकर्मी यहां पाली में बारी बारी से तैनात हो रहे है और वहां आने वाले मीडियाकर्मियों के तमाम सवालो का सामना कर रहे हैं।मकान के खंडहर के पास एक टूटा हुआ बेसबॉल बैट,क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर कार और मोटरसाइकिल देखी जा सकती है। दुबे की मौत को लेकर गांव के लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। लोग अपने घरों के अंदर हैं और वे पूरे घटनाक्रम पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here