मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारोपी विकास दुबे के ऊपर अब एक लाख और उसके 18 साथियों पर 25 हजार रुपये का इनाम की घोषणा कर दी गयी। घटना के बाद आईजी रेंज ने उस पर 50,000 के इनाम की घोषणा की थी।
शनिवार को एडीजी जोन जेएन सिंह के पास इसकी रिपोर्ट बनाकर इनाम की रकम एक लाख कर दिए जाने की संस्तुति की गई है।एडीजे जय नारायण सिंह के हस्ताक्षर होने के साथ ही इनाम राशि बढ़ा दी गयी। घटना में शामिल विकास के गुर्गे श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला, जेसीबी चालक मोनू, जहान यादव, दयाशंकर अग्निहोत्री, शशिकांत, पंडित शिव तिवारी, विष्णु पाल, राम सिंह, राम बाजपेई, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, गोपाल सैनी, वीरू भवन, शिवम दुबे, बालगोविंद और बउवा दुबे के खिलाफ 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। बता दें कि घटना के बाद से विकास दुबे के गांव बिकरू से सैकड़ों परिवार घरों में ताला लगाकर चुपचाप भाग निकले हैं। लोगों में दहशत है कि पुलिस कहीं नजदीकी होने के नाते उनके खिलाफ भी कार्रवाई न कर दे। जो लोग गांव में हैं भी, वे घरों से नहीं निकल रहे। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ है। पूरे गांव के सैकड़ों घरों में ताला लटका है। गाय-भैंस और बकरियां बाहर बंधी मिलीं। ऐसा लगा कि आनन-फानन में जान बचाकर परिवार भागे हैं। कई घरों के बाहर बंधे मवेशी भूख से बेहाल होकर चिल्लाए तो पड़ोसियों ने चारा दिया। जिन घरों में ताला नहीं है, वहां महिलाएं या बुजुर्ग ही मिले। वे भी घर के अंदर ही कैद हैं। पुरुष रिश्तेदारों या नजदीकी के यहां पलायन कर गए हैं। कई घरों में तो दहशत के चलते चूल्हे तक नहीं जले। दहशत का आलम यह है कि एक भी युवा गांव में नहीं है। ज्यादातर युवा सीधे विकास दुबे के घर से किसी न किसी माध्यम से जुड़े ही थे। बिकरू कांड के बाद परिजनों ने उन्हें रिश्तेदार या फिर किसी नजदीकी के यहां भेज दिया है। दो दिन से गांव में एक भी युवा नहीं दिखा।