विकास दुबे: बिकरु गांव की घटना के रिक्रिएट के बाद पुलिस समझने में जुटी घटना कैसे हुई? अवैध असलहों के गैंग से भी था दुर्दान्त का नाता!

0
291

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कानपुर के बिकरु गांव में दुर्दान्त विकास दुबे ने 2 जुलाई की रात में पुलिस दल पर कैसे हमला बोला था, इसका शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों की टीम ने उक्त हमले की सीन को रिक्रिएट कर समझने की कोशिश की।

manoj shrivastav

विदित हो कि विकास दुबे और उसके साथियों ने 2-3 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस घटना में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। लखनऊ से गयी एसएफएल टीम की मौजूदगी में उस रात के सीन को रिक्रिएट किया गया। आईजी मोहित अग्रवाल की निगरानी में पूरी घटना को समझने की कोशिश की गई।पहले दोपहर करीब 3 बजे कांशीराम निवादा में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे की घटना को रिक्रिएट किया गया। कैसे दोनों बदमाश छिपे थे और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी थी। बचाव में पुलिस ने भी फायर किया और दोनों मारे गए। यहां से निकली टीम  बिकरू गांव पहुंची। जहाँ 2 जुलाई की रात हुई घटना को पूरी तरह रिक्रिएट किया गया। कुछ पुलिसकर्मी विकास के टूटे घर की छत पर थे तो कुछ नीचे थे। समझने की कोशिश की गई कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे की गैंग ने कैसे पुलिस पर हमला किया। कैसे पुलिस को घेरकर सुनियोजित तरीके से गोलियां बरसाई गईं। सादे कपड़ों में कुछ विकास के गैंग की ओर से थे तो कुछ पुलिस की ओर से। पूरे सीन को रिक्रिएट किया गया। अभी बिकरू में पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि घटना कैसे हुई? उस रात को विकास दुबे के गुर्गों ने पुलिस दल पर लाइसेंसी के साथ ही अवैध हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त जांच में इसका खुलासा हुआ है। यह भी पता चला है कि विकास दुबे का अवैध तमंचों की सप्लाई का भी एक बड़ा नेटवर्क था। उसके सप्लायरों के बारे में जानकारी मिली है। वे फिलहाल अंडरग्राउंड हैं और पुलिस तलाश में लगी है। कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई बिहार से होती थी। अब तक गिरफ्तार किए गए विकास के गुर्गों ने पुलिस को बताया है कि घटना की रात विकास के बुलावे पर लाइसेंसी असलहा तो लाए ही थे, फायरिंग में एक दर्जन से ज्यादा अवैध तमंचों का भी इस्तेमाल हुआ था। पहले राउंड में तमंचों से ही फायरिंग की गई। उसके बाद लाइसेंसी असलहों का प्रयोग किया। यह भी बताया कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध तमंचों की सप्लाई शुक्लागंज, उन्नाव और बिल्हौर के अलावा एमपी से होती थी। कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई बिहार से होती थी। उन्नाव, शुक्लागंज और बिल्हौर के चार सप्लायर विशेष तौर पर विकास के लिए तमंचे तैयार कराते थे। वह इनके बड़े ग्राहकों में शामिल था। विकास के गुर्गे खुद इतने शातिर थे कि असलहा देखकर उसकी पहचान बता देते थे। वह ऐसे तमंचे चुनते थे, जो फायरिंग मिस न करे। यही स्पलायर अवैध कारतूस भी मुहैया कराते थे। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम इन सप्लायरों को खोजने में लगी है।

Advertisment

बुरे सपने की अशुभता समाप्त करें ये मंत्र

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here