विकास दुबे व साथियों की आय के स्रोतों की प्रवर्तन निदेशालय करेगा जांच

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कानपुर के बिकरू गांव में बीते जुलाई में आठ पुलिसकर्मियों की नृशंस सामूहिक हत्या के मामले के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के मुख्य दोषी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके फाइनेंसरों की ₹147 करोड़ की संपत्तियों तथा उससे जुड़े लोगों की आय के विभिन्न स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का निर्णय लिया है।

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घटना के तत्काल बाद मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस घटना के मास्टरमाइंड रहे विकास दुबे की 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय से जांच की सिफारिश की थी, मुख्यमंत्री ने जिसे स्वीकार कर लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने गैंगस्टर की अवैध तरीके से हासिल की गई 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय से गहराई से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। एसआईटी ने पिछले महीने के शुरुआत में सरकार को सौंपी गई अपनी जांच रिपोर्ट में यह भी कहा था कि दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए। बता दें कि बीते 2-3 जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर के बिकरू गांव में दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गैंगस्टर के साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं जिसमें एक क्षेत्राधिकारी और एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे और पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हुआ था। घटना का मास्टरमाइंड विकास दुबे बीती 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।

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