लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालय का स्वरूप भारतीय परम्परा, संस्कृति, शौर्य एवं पराक्रम को दर्शाता हुआ होना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना सम्बन्धी कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसका निर्माण चरणबद्ध ढंग से किया जाए। उ0प्र0 पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण में आधुनिक तकनीक, डिजाइन और सुविधाओं का समावेश किया जाए तथा इसकी शैली उत्कृष्ट प्रकार की हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का आडीटोरियम इस प्रकार से निर्मित किया जाए, जिसमें आवश्यकतानुसार दर्शकों की संख्या को समाहित किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में फाॅरेन्सिक लैब तथा साइबर थाने की स्थापना की जा रही है। ऐसे अपराधों की विवेचना एवं अभियोजन के लिए अपने पुलिस तंत्र एवं अभियोजकों को साइबर अपराधों के क्षेत्र में दक्ष बनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इसके दृष्टिगत प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित होने वाले पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने प्रदेश की सभी फाॅरेन्सिक लैब्स को इस विश्वविद्यालय के साथ जोड़े जाने की भी बात कही।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि का प्रबन्ध किया जा चुका है। यह कानपुर रोड पर अमौसी हवाई अड्डे से 08 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा। इसमें फाॅरेन्सिक यूनिवर्सिटी के अलावा, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और महिला बटालियन की स्थापना भी प्रस्तावित है। इसकी स्थापना के सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा। इसके ले-आउट प्लान के सम्बन्ध में गुजरात विधि विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर तथा अन्य स्थानों पर स्थित इस प्रकार की संस्थाओं से प्राप्त सूचनाओं और सुझावों का समन्वय करते हुए कार्यवाही की गई है। प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि परियोजना की टाइमलाइन के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
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