नयी दिल्ली। कोविड 19 महामारी के कारण श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन का कार्यक्रम कई बार टाला जा चुका है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन पांच अगस्त को होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर अयोध्या धाम के विकास के लिए कराए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। वे भी भूमि पूजन में मोजूद रहेगे।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय से संकेत दिए गए हैं कि वह पूर्वाह्न 11 बजे के आसपास अयोध्या पहुंचेंगे और अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन संपन्न कराएंगे। अभी तक हालांकि प्रधानमंत्री के अयोध्या के कार्यक्रम की आधिकारिक जानकारी घोषित नहीं की गई है।
सूत्रों के अनुसार श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की ओर से श्री मोदी को तीन एवं पांच अगस्त को आने का न्योता दिया गया था। प्रधानमंत्री की ओर से पांच अगस्त की तिथि की पुष्टि की गई है। बताया गया है भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीया सह तृतीया तिथि सर्वार्थ सिद्धि योग वाली है और पूर्वाह्न 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर सात मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन संपन्न होने की योजना है।
हरिद्वार में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के मंहत रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि राम मंदिर से करोड़ों हिंदूओं की आस्था जुड़ी हुई है, लेकिन तमाम बाधाओं के बाद राम मंदिर बनने जा रहा है। सनातम धर्म के लोग बहुत खुश हैं। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा बलराम दास हठयोगी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण के बाद देश में राम राज्य की परिकल्पना को बल मिलेगा। प्रभु श्रीराम की कुपा से शीघ्र की विश्व कोरोना मुक्त होगा।
उल्लेखनीय है कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शनिवार को नृपेंद्र मिश्रा की मौजूदगी में बैठक की। इस बैठक में चर्चा की गई कि आखिर भूमि पूजन की तारीख क्या होगी। साथ ही इस भूमि पूजन के मद्देनजर पीएम मोदी के कार्यक्रम पर फैसला लिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय द्वारा भूमि पूजन के लिए 3 और 5 अगस्त की तारीख भेजी गई। अब 5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए पीएमओ की ओर से सहमति दी गई है। उल्लेखनीय यह भी है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि रामलला के गर्भगृह की खुदाई व समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है । राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय के निर्देशन में खुदाई का काम किया जा रहा है । रामलला के जन्म स्थान पर हो रही खुदाई में राम मंदिर से संबंधित अवशेष मिलने शुरू हो गए है । जो प्रमाणित करता है कि जन्मभूमि पर मंदिर को तोड़ कर विवादित इमारत को बनाया गया था । जन्मभूमि पर हो रही खुदाई में 7 ब्लैक टच स्टोन स्तंभ , 6 रेड सैंड स्टोन स्तंभ , 5 फिट की नक्काशी युक्त शिवलिंग मिला है । खुदाई में प्राप्त स्तंभ में देवी देवताओं की मूर्ति अंकित है।
मंदिर परिसर के इर्दगिर्द 20 एकड़ की भूमि के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता
पेजावर मठ के स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ ने कहा कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी धन संग्रह अभियान चलाने का फैसला किया है। न्यास के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने यह कहा। उनके मुताबिक मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रूपये है जबकि मंदिर परिसर के इर्दगिर्द 20 एकड़ की भूमि के विकास के लिए 1,000 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी।
राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ेगी और अब पांच गुम्बद होंगे
राम मंदिर का जो पहले का मॉडल था, वही यथावत रहेगा। भव्यता और दिव्यता को लेकर थोड़ा उसमें विस्तार जरूर किया गया। देश में संतों और राम भक्तों की आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है। इस बदलाव में मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी जो कि पहले धरातल से 128 फीट थी अब वह 161 फीट की होगी। इसी तरह मंदिर के उत्तर-दक्षिण हिस्से का भी विस्तार किया जाएगा। इसके कारण गुम्बदों (मंडप) की संख्या तीन से बढ़कर पांच हो जाएगी।
पहले जो ड्राफ्टिंग थी उसमें मंदिर निर्माण का एरिया 27 हजार स्क्वॉयर फीट बनता था। अब यह बढ़कर 57 हजार 242 स्क्वायर फीट हो जायेगा। इसी प्रकार मंदिर निर्माण में पहले 2 लाख 43 हजार घन फीट पत्थर की जगह 3 लाख 75 हजार घन फीट पत्थर लगेगा। मंदिर की भव्यता और दिव्यता में कोई कमी न हो इसके लिए पहले के मॉडल को स्वीकृत करते हुए क्षेत्र का विस्तार किया गया है। राममंदिर निर्माण का कार्य लार्सन एंड टुब्रो कंपनी (एलएनटी) को दिया गया है। एलएनटी ने ही सोमनाथ और अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कार्य किया है। मंदिर परिसर की 67 एकड़ भूमि की चहारदीवारी के निर्माण के लिए देश के बड़े-बड़े डिजाइनर को आमंत्रित किया गया है। इसके लिए एक कमेटी बना दी गई है, उसकी अलग से टेंडर प्रक्रिया होगी।
अयोध्या में शनिवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की हुई पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास की दो तारीखों के साथ ही मॉडल में बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई
ये तारीखें गवाह रहीं श्रीराम मंदिर विध्वंस और श्रीराम मंदिर निर्माण के संघर्ष की
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