योगीराज में हुआ 30 हजार करोड़ का घोटाला!
“जल जीवन मिशन” मंत्री महेंद्र सिंह, एसीएस अनुराग श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर आलोक सिन्हा ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी के पक्ष में पत्र लिख कर दबाव बनाया
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। राज्यसभा सदस्य और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने आज लखनऊ में आयोजित प्रेस काफ्रेंस में योगी सरकार पर बड़े घोटाले का आरोप लगा कर हमला किया।सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन में करोड़ों के घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को कमीशन लेकर काम दिया गया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक पवित्र मिशन है, पानी पिलाना पुण्य का काम है, पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसमें भी बड़ा घोटाला किया है।जल ही दोहन की तर्ज पर अपने मंत्रियों और अफसरों को इस योजना में भी लूट करने की खुली छूट दे दी। यूपी में 1 लाख 20 हजार करोड़ की इस योजना में 60 हजार करोड़ केंद्र सरकार का तो 60 हजार करोड़ रूपया राज्य सरकार को लगाना है। पूरे मिशन को तीन वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाना है, पर वर्ष 2020-21 में काम तो जमीन पर जीरो है। उसमें करोड़ों की कमीशनबाजी और घोटालों की कलई खुलने लगी है।
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और मिशन से जुड़े सभी आला अफसरों ने मिलकर ना सिर्फ करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है, बल्कि एक ऐसी कंपनी को करोड़ों का काम दिया जो कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड की गई है।उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, राज्यों के साथ ही सेना ने भी “रश्मि मेटलिक” को घटिया पाइप सप्लाई करने की वजह से ब्लैक लिस्ट कर दिया था। ऐसे में सवाल ये है कि योगी सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह ने इसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को करोंड़ों की पाइप सप्लाई का काम क्यों दिया? मिशन के मौजूदा अधिशाषी निदेशक अखण्ड प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले की जांच झांसी के अपर जिलाधिकारी को सौंपी है।
एक महीने के बाद जो जांच रिपोर्ट सामने आई उसमें खुलासा हो गया कि कंपनी की सप्लाई की गईं पाइपों की क्वालिटी बहुत ही घटिया है।इस कंपनी की पाइपें मानक के अनुरूप किसी भी कसौटी पर खरी नहीं उतरती हैं। यूनिट कोआर्डिनेटर जेपी शुक्ला ने भी अपनी रिपोर्ट में इस कंपनी की पाइप को बेहद घटिया और मानक के विरुद्ध बताया है।उन्होंने ऊपर रिपोर्ट किया कि ऐसी घटिया सप्लाई देने वाली कंपनी को ठेका किसी भी कीमत पर नहीं मिलना चाहिए। परियोजना प्रबंधक महेश कुमार ने भी इस कंपनी पर सवाल खड़े किए। सीएंडडीएस ने भी अपनी जांच में रश्मि मेटलिक की पाइपों को बेहद घटिया बताया है। सेंट्रल इकोनोमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने भी इस कंपनी की रिपोर्ट में लिखा है कि ये कंपनी बोगस इन्वेस्टमेंट कराती है, फर्जी शेल कंपनी बनाती है और इसकी कई फर्जी कंपनिया हैं, जिनके माध्यम से पूरे देश में घोटालों का खेल करती है।
संजय सिंह ने बताया कि योजना से जुड़े चीफ इंजीनियर आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव और विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह ने बाकायदा चिट्ठी जारी करके पूरे प्रदेश में इसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी से पाइप खरीद करने का आर्डर तक जारी किया। उन्होंने कहा कि मै ही नहीं बीजेपी के विधायक भी इस कंपनी के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। प्रयागराज से बीजेपी विधायक डां0 अजय कुमार कहते हैं कि मंत्री महेंद्र सिंह को 2 करोड़ की रिश्वत देने के लिए विभाग के छोटे अफसरों से 5 से 10 लाख रूपयों की वसूली की गई है। हरैय्या से बीजेपी विधायक अजय कुमार सिंह की चिट्ठी पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मंत्री महेंद्र सिंह को पत्र भेजकर आलोक सिन्हा पर लगे आरोपों पर सफाई मांगी है।
संजय सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन में अयोध्या आगर और कानपुर के अंदर होने वाले तमाम कामों का पूरा कच्चा चिट्ठा मेरे पास है। इन मंडलों में जो काम जल निगम की तरफ से अप्रूव्ड रेट हैं,उससे 30 से 40 प्रतिशत की ज्यादा दरों पर काम कराए गए हैं। मसलन एक काम जो 1580 रूपए में होना चाहिए वो 2065 रूपए में हो रहा है।अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि ये कितना बड़ा घोटाला प्रदेश की जनता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह से सीधे सवाल किया कि वो क्यों प्रदेश की भोली भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं और पानी के नाम पर हजारों करोड़ के घोटाले कर रहे हैं, ठेका और टेंडर करने के बहाने लोगों के घर नल और जल की सप्लाई में भी पैसा खा रहे हो। ये सरकार पानी पिलाने के लिये ठेके और टेंडर के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार करती है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत होने वाले कामों के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन पर भी सवाल खड़े किए।
उन्होंने बताया कि केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक टीपीआई के काम में कुल बजट का 0.4 प्रतिशत से ज्यादा का खर्च नहीं किया जा सकता लेकिन यहां भी जब केरल में 0.4 प्रतिशत, तमिलनाडु में 0.15 प्रतिशत मध्यप्रदेश में 0.4 प्रतिशत उत्तराखंड में 0.25 प्रतिशत पर काम दिया। योगी की सरकार ने यहां भी नहीं बख्शा और प्रदेश के कुल बजट का 1.33 प्रतिशत टीपीआई के लिए खर्च किया। मतलब टोटल बजट 1 लाख 20 हजार करोड़ के हिसाब से 1.33 प्रतिशत होता है करीब 1500 करोड़ यानि जो काम 400-500 करोड़ में हो जाता है। उसके लिए भी 1500 करोड़ खर्च करके करीब 1000 करोड़ का घोटाला किया गया।
पूरी योजना में टीपीआई और कुल होने वाले कामों में जिस तरह 30 से 40 प्रतिशत की बंदरबांट की गई,उससे पूरी योजना से 30 से 40 हजार करोड़ का घोटाला किया गया। संजय सिंह ने सरकार से सीधे सीधे कहा कि मैंने वेंटीलेटर घोटाला खोला, आक्सीमीटर घोटाला खोला, मंदिर के चंदे की चोरी का घोटाला पकड़ा और योगी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं किया लेकिन जल जीवन मिशन के घोटाले पर चुप नहीं बैठेंगे। योगी सरकार जल्द इस मामले की सीबीआई जांच कराए या हाईकोर्ट मानीटेड एसआईटी जांच कराएं। इसके लिए आम आदमी पार्टी सरकार को एक हफ्ते का समय देती है नहीं तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।