हप्ते भर में दो जगह दबोचे गये चीनी और रोहंगिया!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। भाजपा की डबल इंजन की सरकार लोकसभा चुनाव में मस्त है। इसका फायदा उठा कर अलग-अलग देशों के विदेशी नागरिक बार-बार अवैध तरीके से भारत में घुस जा रहे हैं।
एक सप्ताह में बार विदेशी नागरिकों का इस तरह भारत में घुसना देश की सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया इकाइयों के लिये चिंता का सबब बन गया है। इसी सप्ताह नेपाल से भारत में घुसपैठ करते हुए दो चीनी नागरिकों को नेपाल से सटे सिद्धार्थनगर जिले की बॉर्डर क्षेत्र के “न बभनी” तिराहे से गिरफ्तार किया गया। इनके पास नेपाल का पासपोर्ट और वीजा सहित अन्य दस्तावेज मिले हैं। पुलिस ने इन पर विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया।एसएसबी, बार्डर पर तैनात स्थानीय इंटलीजेंस यूनिट के अधिकारियों की पूछताछ के बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
सीओ सदर सुजीत कुमार राय के मुताबिक मंगलवार को मोहाना पुलिस 5 और एसएसबी 66वीं वाहिनी की टीम गश्त पर थी। टीम को बॉर्डर क्षेत्र के न बभनी तिराहे के पास दोनों चीनी नागरिकों को पकड़ा। पुरुष ने अपना क नाम झोऊ और महिला ने युआन युहान में बताया है। इनके पास से नेपाली वीजा – मिला।
पकड़े गये विदेशियों ने बताया कि वह नदी के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश किये थे। उनके पास दो चीनी पासपोर्ट, नेपाल का न वीजा और टूरिस्ट वीजा, दो मोबाइल फोन, नेपाल के दो सिम कार्ड, चीन के दो सिम कार्ड, दो छोटे बैग में भिन्न- वभिन्न प्रकार के नौ कार्ड मिले हैं। पुलिस छानबीन कर रहीं है
दूसरी गिरफ्तारी कानपुर से की गयी। यहां संदिग्ध स्थित में घूमते लोगों को यूपी एटीएस ने दबोचा। पूछ-तांछ में पता चला कि बांग्लादेशी रोहंगिया हैं।पहले इन सभी ने खुद को भारतीय नागरिक बताया। जब कड़ाई हुई तब पता चला कि अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर स्वयं को भारतीय नागरिक बताने वाले तीन महिलाओं सहित चारों म्यांमार के रोहिंग्या नागरिक हैं। ये सभी ट्रेन द्वारा सिलचर, असम से दिल्ली जा रहे थे।
एटीएस उन्हें गिरफ्तार कर मुख्यालय ले गई। जहां उनसे और पूछताछ की गई। गिरफ्तार रिहंगियों ने बताया कि पहले बांग्लादेश में उनसे पैसा लेकर पश्चिम बंगाल भेजा गया। फिर वहां पैसा लेकर भारतीय पहचान पत्र बनवाया गया। उन्होंने बताया कि कूटरचित कागजात तैयार करने वालों ने बताया था कि भारत में चुनाव चल रहा है। बड़े स्टेशनों पर कुछ खाने-पीने न उतरना।
पानी लेने के लिये उतरना पड़ा था। दिल्ली में जिस आदमी के पास जाना है वह हमको स्टेशन से अपने पास बुलवाने की व्यवस्था उसने किया है। हम सभी का फोटो व कागजात उसके पास पहुंच चुका है। वहां हमारी नौकरी पक्की है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मूल रूप से म्यांमार के निवासी हैं और यहां रहने के लिए बांग्लादेश के रास्ते भारत आये थे। खुद को भारतीय नागरिक बताने के उद्देश्य से उन्होंने फर्जी दस्तावेज भी तैयार करवाये थे।
एटीएस को उनके पास से फर्जी आधार कार्ड मिला है। एटीएस की टीम के अनुसार इनकी पहचान रोहिंग्या नागरिक आमिर हमजा पुत्र इमाम हुसैन, मीना जहां पुत्री नूर आलम, सुकुरा बेगम पुत्री हसमतुल्लाह व ओनारा बेगम पुत्री मोहम्मद सलीम के रूप में हुई। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एटीएस को उनके पास से एक मोबाइल फोन व सभी के पास एक-एक आधार कार्ड बरामद हुआ है।