सांप हमें हर जगह दिख सकते हैं। शहर या गांव। यह जीव हर जगह दिखता है। विश्ोष तौर पर जंगलों में यह जीव बहुतायत में देखा जा सकता है। यह खतरनाक भी है और शकुन की दृष्टि से महत्वपूर्ण भी। आइये, जानिये शकुन की दृष्टि से सर्प का महत्व—-
यात्रा करते समय इसका नाम सुनना शुभ रहता है। उसका आना, आवाज और चेष्टा ये सब अशुभ रहते हैं। सम्प्रति संसार में सांप की आठ प्रमुख जातियां ही मिलती हैं, शेष जनमेजय के नाग यज्ञ में समाप्त कर दी गयी थी। इनमें तक्षक, शेष, पदा कोहक आदि हैं और ये स्वभावत : भयानक है। यात्रा के समय सर्प दिख जाये तो वापस लौट आना चाहिए और विश्राम करके शुभ कामना करके, ईष्टदेव का स्मरण करके पत्थर , स्तम्भ आदि पर कांटा रखकर उस पर पैर रखकर तब यात्रा करे तो निर्विघ्न यात्रा होती है। सूर्य में भी धामण यदि बायें हाथ मिले तो शुभ फल देती है। यही यदि सिर ऊंचा किये दिखे तो उत्तम लाभ और ऊपर सिर किये मिलने पर राज्य पद – प्राप्ति कराती है।
लोक रीति के अनुसार काले सर्प का प्रवास के समय दाहिने हाथ की तरफ दिखना शुभ माना जाता है। कहते हैं, ’’ खर बाया विष दाहिना ’’।