सामवेद के मंत्र 545 में परमात्मा ने मनुष्यों को प्रेरणा

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वेद विचार
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सामवेद के मंत्र ५४५ में परमात्मा ने मनुष्यों को प्रेरणा की है कि वह ध्यान करने योग्य परमात्मा के हर्षित करने वाले आनंद-रस को आगे बढ़ कर प्राप्त करने के लिए सांसारिक विषय-भोगों के प्रति लोभ को नष्ट कर दे।

अभिप्राय यह है कि सांसारिक विषयों से मन को हटा कर परमात्मा में केंद्रित कर दे। ऐसा करने पर ही मनुष्य परमात्मयोग-जन्य तीव्र आनंद को पा सकते हैं।

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-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य

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