सीओ के पत्र को नजरअंदाज करने पर तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव के खिलाफ जांच के आदेश

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अब होगी एसएसपी, थानेदार और माफिया के रिश्तों की जांच!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। दुर्दान्त विकास दूबे और चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी के रिश्तों को लेकर सीओ देवेन्द्र मिश्र ने तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर अनंतदेव तिवारी को जो पत्र लिखा था वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय से गायब बताये जा रहे हैं।

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फिलहाल वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव तिवारी की भूमिका की जांच की मांग के बाद पुलिस महानिदेशक ने जांच के आदेश दे दिया। अब चौबेपुर के तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी और कानपुर नगर के एसएसपी रहे अनंतदेव तिवारी के विकास दुबे से कनेक्शन की जांच होगी। एसएसपी ने सीओ देवेंद्र मिश्र द्वारा लिखे पत्रों का संज्ञान नही लिया था। वर्तमान में अनंतदेव डीआईजी एसटीएफ हैं। इस प्रकरण की जांच एडीजी कानपुर जोन जय नारायण सिंह करेंगे।

इस बीच दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे से जय बाजपेई का वर्षो पुराना संबंध आया सामने आया है। बताया जाता है कि जय बाचपेयी ने विकास दुबे का करोड़ो रूपया मार्केट में बांट रखा है। विकास के परिवार में भी है जय बाजपेई की दखल रहती थी।जय बाचपेयी भाजपा के नेताओं और विद्यायकों का भी करीबी है। जय बाजपेई को आज एसटीएफ टीम हिरासत में लेकर लखनऊ चली गयी है।

जय की माँ और पत्नी भी पुलिस हिरासत में हैं। विकास दूबे की नजदीकियों के कारण जय बाचपेयी कम समय मे ही अकूत सम्पति का अचानक मालिक बन गया है। विकास की महफिल अक्सर जय विला में सजती थी। विकास दुबे का मामला उतना सीधा नहीं जितना आपको प्रतीत होता है।अब एक नया मोड़ आ गया है। डिप्टी एसपी का वो पत्र कानपुर एसएसपी ऑफिस से गायब हो गया, जिसमें पुलिस-दुबे कनेक्शन का खुलासा हुआ था। अनंत देव एसटीएफ में दुबे का केस हैंडल कर रहे है।शहीद डिप्टी SP देवेंद्र मिश्रा की बेटी ने कहा है कि वायरल पत्र पर मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। पापा के दिए सबूत बिल्कुल सही हैं, साजिश करने वाले पकड़े जाने चाहिए, मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।मेडिकल की तैयारी कर रही बेटी बदले हालात में अब पुलिस में भर्ती होकर पिता के हत्यारों से बदला लेना चाहती है।
चित्र-जय बाचपेयी और अनंतदेव तिवारी

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