मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। हाथरस प्रकरण में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार, सचिव गृह विभाग तरुण गाबा, तत्कालीन एसपी हाथरस विक्रांत वीर हाजिर रहे।
कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली डेट 25 नवंबर तय किया है। सभी निगाहें न्यायालय की कार्यवाही पर टिकी हुई हैं। सभी यह जानना चाहते हैं कि आखिर इस मामले में अब क्या नया सामने आएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़ित परिवार की सुरक्षा का जिम्मा अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने संभाल लिया है। रविवार को सीआरपीएफ की टीम ने बिटिया के घर पहुंचकर इसके आसपास के इलाके को सुरक्षा घेरे में ले लिया। प्लाटून कमांडर सहित सीआरपीएफ के 80 जवान पीड़ित के परिवार की सुरक्षा करेंगे। यह जवान तीन शिफ्टों में परिवार की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहेंगे। पीड़ित परिवार के घर के बाहर अभी भी सिविल पुलिस लगी है। अब परिवार के सदस्य अगर कहीं बाहर जाएंगे तो सिविल पुलिस नहीं जाएगी। उसकी जिम्मेदारी सीआरपीएफ ने संभाल रखी है। हाइवे से गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर पीएसी के जवान तैनात है। बता दें कि हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस लड़की की बाद में 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस ने रात में अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ। परिवार का कहना है कि उसकी मर्जी से पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, वहीं पुलिस ने इन दावों को खारिज किया।