बुद्धिस्ट सर्किट के केन्द्र बिन्दु कुशीनगर में दुनिया
से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी आते हैं
कुशीनगर एयरपोर्ट की बाउण्ड्रीवाॅल की मरम्मत के साथ-साथ
कंटीले तार लगाए जाएं और सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं
केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में हवाई सेवाओं में कई गुना वृद्धि हुई
केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश में पर्यटन की
सारी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं
एयरपोर्ट के निर्माण से व्यापक रोजगार के
अवसर उत्पन्न होंगे और विकास होगा
उ0प्र0 में 18 नए रूटों पर हवाई सेवा की अनुमति प्रदान की गयी, अन्य एयरपोर्ट
का निर्माण कराया जाएगा: केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
मुख्यमंत्री ने जनपद कुशीनगर में केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री
(स्वतंत्र प्रभार) के साथ अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सम्बन्ध में बैठक की
लखनऊ: 06 सितम्बर, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद कुशीनगर में केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी के साथ अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सम्बन्ध में बैठक की। उन्होंने कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 20 वर्षों से अधिक की मांग को स्वीकार करते हुए जनपद कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण कराया है। आगामी 02 माह के अन्दर इस हवाई अड्डे से अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवा का संचालन भी प्रारम्भ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट का केन्द्र बिन्दु कुशीनगर है। दुनिया से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी यहां आते हैं। कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है। उत्तर प्रदेश बौद्ध सर्किट की दृष्टि से समृद्धशाली प्रदेश है। 06 प्रमुख स्थान उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध की स्मृतियों के साथ जुड़े हुए हैं, जिसमें कुशीनगर उनकी महापरिनिर्वाण स्थली है। सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। कपिलवस्तु उनकी राजधानी थी। श्रावस्ती में सर्वाधिक चतुर्मास भगवान बुद्ध ने व्यतीत किए थे। इसके अलावा, कौशाम्बी और संकिशा भी उत्तर प्रदेश में हैं। श्रीलंका, थाईलैण्ड, लाओस, कम्बोडिया, जापान, सिंगापुर सहित दुनिया के तमाम देश कुशीनगर के साथ एयर कनेक्टिविटी चाहते थे। कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रदेश का चैथा एयरपोर्ट है। वर्तमान में प्रदेश में 02 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हैं। जेवर, गौतमबुद्धनगर में भी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी का उत्तर प्रदेश को बहुत सहयोग मिल रहा है, जिससे राज्य में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाओं में कई गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश की अनेक एयर स्ट्रिप को भारत सरकार के सहयोग से एयरपोर्ट में बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट के साथ-साथ इण्टरनेशनल स्टडी के लिए गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर को शैक्षिक भ्रमण की योजना भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिस पर कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बन जाने से विकास की गति और तेज होगी। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की बाउण्ड्रीवाॅल की मरम्मत के साथ-साथ उन पर कंटीले तार भी लगाए जाएं और सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक स्वीकृति दी जा चुकी है। एयरपोर्ट तक फोरलेन सड़क की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने जिला प्रशासन को कुशीनगर के विकास के लिए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश में पर्यटन की सारी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन के विकास के लिए कार्य कर रही है। कुशीनगर में पर्यटकों के लिए अच्छी व्यवस्था, सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने के साथ-साथ प्रशिक्षित गाइड आदि तैयार किए जाएं, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को भगवान बुद्ध के सम्बन्ध में जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त कुशीनगर में साफ-सफाई, पर्यटन के विकास आदि कार्यों को देखें। बाहर से आने वाले पर्यटकोें के लिए विपश्यना केन्द्र आदि का निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के निर्माण में कुशीनगर के जनप्रतिनिधि एवं जनता का बहुत सहयोग मिला। एयरपोर्ट के निर्माण से व्यापक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एयरपोर्ट के निर्माण में हर सहयोग प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उ0प्र0 में 18 नए रूटों पर हवाई सेवा की अनुमति प्रदान की गयी है। इसके अलावा, अन्य एयरपोर्ट का निर्माण/विकास कराया जाएगा।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन श्री एस0पी0 गोयल ने कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि 589.35 एकड़ के इस एयरपोर्ट की स्वीकृति लागत 199.4183 करोड़ रुपए है।
इस अवसर पर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट का केन्द्र बिन्दु कुशीनगर है। दुनिया से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी यहां आते हैं। कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है। उत्तर प्रदेश बौद्ध सर्किट की दृष्टि से समृद्धशाली प्रदेश है। 06 प्रमुख स्थान उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध की स्मृतियों के साथ जुड़े हुए हैं, जिसमें कुशीनगर उनकी महापरिनिर्वाण स्थली है। सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। कपिलवस्तु उनकी राजधानी थी। श्रावस्ती में सर्वाधिक चतुर्मास भगवान बुद्ध ने व्यतीत किए थे। इसके अलावा, कौशाम्बी और संकिशा भी उत्तर प्रदेश में हैं। श्रीलंका, थाईलैण्ड, लाओस, कम्बोडिया, जापान, सिंगापुर सहित दुनिया के तमाम देश कुशीनगर के साथ एयर कनेक्टिविटी चाहते थे। कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रदेश का चैथा एयरपोर्ट है। वर्तमान में प्रदेश में 02 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हैं। जेवर, गौतमबुद्धनगर में भी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी का उत्तर प्रदेश को बहुत सहयोग मिल रहा है, जिससे राज्य में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाओं में कई गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश की अनेक एयर स्ट्रिप को भारत सरकार के सहयोग से एयरपोर्ट में बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट के साथ-साथ इण्टरनेशनल स्टडी के लिए गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर को शैक्षिक भ्रमण की योजना भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिस पर कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बन जाने से विकास की गति और तेज होगी। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की बाउण्ड्रीवाॅल की मरम्मत के साथ-साथ उन पर कंटीले तार भी लगाए जाएं और सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक स्वीकृति दी जा चुकी है। एयरपोर्ट तक फोरलेन सड़क की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने जिला प्रशासन को कुशीनगर के विकास के लिए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश में पर्यटन की सारी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन के विकास के लिए कार्य कर रही है। कुशीनगर में पर्यटकों के लिए अच्छी व्यवस्था, सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने के साथ-साथ प्रशिक्षित गाइड आदि तैयार किए जाएं, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को भगवान बुद्ध के सम्बन्ध में जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त कुशीनगर में साफ-सफाई, पर्यटन के विकास आदि कार्यों को देखें। बाहर से आने वाले पर्यटकोें के लिए विपश्यना केन्द्र आदि का निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के निर्माण में कुशीनगर के जनप्रतिनिधि एवं जनता का बहुत सहयोग मिला। एयरपोर्ट के निर्माण से व्यापक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एयरपोर्ट के निर्माण में हर सहयोग प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय नागरिक विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उ0प्र0 में 18 नए रूटों पर हवाई सेवा की अनुमति प्रदान की गयी है। इसके अलावा, अन्य एयरपोर्ट का निर्माण/विकास कराया जाएगा।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन श्री एस0पी0 गोयल ने कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि 589.35 एकड़ के इस एयरपोर्ट की स्वीकृति लागत 199.4183 करोड़ रुपए है।
इस अवसर पर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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