2021 में ‘कोरोना मुक्ति’ व ‘राष्ट्र रक्षा’ के लिए महात्रिपुरसुन्दरी महायज्ञ’ 21 से

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लखनऊ। 2021 में ‘कोरोना मुक्ति’ व ‘राष्ट्र रक्षा’ के लिए ‘श्री राजराजेश्वरी श्रीमन महात्रिपुरसुन्दरी महायज्ञ’ 21 जनवरी से होगी। लखनऊ की महापौर व नगर आयुक्त ने आज यज्ञशाला का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के सम्बंध में निर्देश दिए।
महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा फैजुल्लागंज के खदरा स्थित नानक शाही मठ के पास स्थित व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने, नाला सफाई, साफ सफाई और मार्ग प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया ने नानक शाही मठ में भी विशेष पूजा अर्चना कर आयोजित होने वाले महायज्ञ स्थल का निरीक्षण किया।
लखनऊ की भूमि पर अखिल भारतीय उदासीन सप्रदाय संगत एवं विश्व सनातन धर्म सभा द्वारा वर्ष 2021 में ‘कोरोना मुक्ति’ और ‘राष्ट्र रक्षा’ हेतु श्री राजराजेश्वरी श्रीमन महात्रिपुरसुन्दरी महायज्ञ का आयोजन 21 जनवरी से 27 जनवरी तक रुपपुर खदरा स्थित श्री उदासीन महामण्डला आश्रम (नानकशाही मठ) में किया जायेगा। महायज्ञ में देश के प्रमुख क्षेत्रों से दो सौ से अधिक संत महात्मा आएंगे। यज्ञ के लिए 7 मंजिला यज्ञ मंडप तेजी से तैयार किया जा रहा है। यह सम्पूर्ण अनुष्ठान काषनी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर 1008 स्वामी श्री गुरु शरणानन्द जी महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। इसके साथ ही तंत्र योगी निर्माण दर्शन मुनि महाराज भी अनुष्ठान सम्पादित करवाएंगे। यज्ञ में उदासीन आश्रम से लगभग 20 महामंडलेश्वर, श्रीमहंत आएंगे। श्री 1008 श्रीमहंत धर्मेन्द्र दासजी महाराज ने बताया कि यह विषेश महायज्ञ लखनऊ में पहली बार हो रहा है। यज्ञ में 51 कुंटल यज्ञ सामग्री से आहुतियां दी जाएंगी। 1000 चंडी पाठ और ललिता सहस्त्र पाठ होगा।
ज्ञात हो कि ऐतिहासिक नानक शाही मठ में लखनऊ प्रवास के दौरान गुरु नानक देव महाराज ने इस पावन स्थल पर 1 माह तक स्वयं रुके थे, उनके पुत्र श्रीचंद्र जी महाराज जी ने भी स्वयं पधारे थे व चातुर्मास किया था और गुरु नानक महाराज जी के संदेश को प्रसारित किया था। इसके साथ ही दसवें गुरु महाराजा गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज ने यही पर अपनी कृपाण भेंट की थीं जो आज भी यहाँ सुरक्षित रखी हुई है। जिसका वर्णन वरिष्ठ इतिहासकार योगेश प्रवीण की पुस्तक “लखनऊनामा” में पृष्ठ संख्या 16,17 पर है और सिखों के इतिहास को समेटे पुस्तक “तवारिक खालसा” में भी मिलता है।
इस भवन की नींव 1612 ईसवी में बाबा फतेहचंद जी ने रखी थी।
महायज्ञ को सफल बनाने के लिए शनिवार को आश्रम के आस पास महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने निरीक्षण किया। इस दौरान महापौर और नगर आयुक्त ने परिसर में 400 वर्ष पुराना रीठे का वृक्ष भी देखा। महापौर ने इसको संरक्षित करने के लिए निर्देशित किया।
इस मौके पर संस्था के संरक्षक श्री 1008 श्री महंत धर्मेन्द्र दास जी महाराज ने आस पास में व्याप्त समस्याओं जैसे मार्गप्रकाश, पानी, स्वच्छता, नाला सफाई, सडक पर अतिक्रमण जैसी समस्याओं महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त को अवगत कराया, जिसपर महापौर ने तत्काल अधिकारियों को सड़क का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने, आवश्यक मार्गप्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराने, जाम पड़े नाले की सफाई कराने और नियमित साफ सफाई कराने के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया।
इस मौके पर महापौर ने बताया कि इस विशेष यज्ञ में देश भर के संत महात्मा आएंगे, भारत ऋषियों और मुनियों का देश है। यज्ञ भारत की संस्कृति का हिस्सा है। ‘कोरोना मुक्ति’ व ‘राष्ट्र रक्षा’ हेतु इस विशेष प्रकार के यज्ञ के दौरान देश भर के अतिथि लखनऊ की अच्छी छवि लेकर जाए, नगर निगम द्वारा इस हेतु प्रयास किया जाएगा। नगर निगम और लखनऊ की ब्रांडिंग हो इस लिए हमारी सरकार प्रयास कर रही है। यज्ञ से पूर्व यहां पर सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएंगी। ताकि आने वाले अतिथियों को सुगमता हो और वह लखनऊ की एक अच्छी छवि लेकर जाए। साथ ही इस स्थान के महत्व को देखते हुए इसके संरक्षण के लिए इसे सरकार द्वारा राष्ट्रीय धरोहर अथवा संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए पत्र लिख प्रयास भी किया जाएगा।

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