खग्रास चंद्र ग्रहण
- वैशाख शुक्ल पूर्णिमा बुधवार तदनुसार 26 मई 2021 को खग्रास अर्थात पूर्णग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा।
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ – अपराह्न 03.15 बजे
खग्रास प्रारंभ – शाम 04.40 बजे
ग्रहण मध्य – 04.49 बजे
खग्रास समाप्त – 04.58 बजे
ग्रहण समाप्त – शाम 06.23 बजे
परिस्थितियां कुछ ऐसी बनेगी कि जिस समय ग्रहण का स्पर्श होगा तथा मध्य समय रहेगा उस समय भरतीय दृश्याकाश से चंद्रमा दिखाई नही देगा क्योंकि वह दिन का समय होगा तथा भारत के पूर्वी क्षितिज पर चंद्रमा का बिम्ब दिखाई देना शुरू करेगा
तब तक ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा पूर्वोत्तर भारत के सुदूर स्थानों से ही कहीं कहीं उस ग्रहण की समाप्ति अथवा मोक्ष का दृश्य देखा जा सकेगा ज्योतिष की भाषा मे ऐसे ग्रहण को ग्रस्तोदित ग्रहण के रूप में जाना गया है।
पं. देवेन्द्र नाथ तिवारी के अनुसार राशियों पर इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव
राशि फलम्
मेष – अतिकष्ट
वृष – पीड़ा
मिथुन – सौख्यं
कर्क – चिंता
सिंह – व्यथा
कन्या – श्री:
तुला – क्षति
वृश्चिक – घातः
धनु – हानि:
मकर -लाभः
कुम्भ – सुखं
मीन – अपमानं
सावधानी
गर्भवती स्त्रियों को चाकू, सुई,कैची, काटने वाली वस्तु का इस्तेमाल नही करना चाहिए अपने पेट के ऊपर गाय के गोबर का लेप लगाना चाहिए और ग्रहण काल मे भोजन नही करना चाहिए और ना ही किसी देवी देवताओं की मूर्ति का स्पर्श करना चाहिए ग्रहण काल मे की हुई पूजा का फल अनंत मिलता तो ज्यादा से ज्यादा भगवान का भजन संकीर्तन महामृत्युंजय मंत्र का जप और पाठ करें कोरोना नामक जैसे विषैले विषाणु का अंत हो हमारा और विश्व का कल्याण हो ऐसी प्रार्थना है।
हम सब करते देवादि देव महादेव हम सबका मङ्गल करें।
सूतक एवं ग्रहण काल में ईश्वर एवं अपने इष्टदेव की आराधना, जप, तर्पण आदि कृत्यों का संपादन कल्याणकारी होता है। ग्रहण के बाद स्नान, दानादि करना शुभ होगा।
ज्योतिर्विद पं. देवेन्द्र नाथ शास्त्री
लखीमपुर खीरी( उ०प्र०)
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