मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। परिसीमन की प्रक्रिया आगामी 4 दिसम्बर से शुरू होगी और अगले साल 6 जनवरी को पूरी होगी। राज्य के पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से बुधवार को जारी शासनादेश के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण 4 से 11 दिसम्बर के बीच किया जाएगा।
पहली जनवरी 2016 से लेकर अब तक राज्य के 49 जिलों में नगर पंचायत,नगर पालिका परिषद, नगर निगम के सृजन या सीमा विस्तार के फलस्वरूप जिले में कतिपय विकास खण्ड या विकास खण्ड की ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल किये जाने से प्रभावित हुई हैं। इन पंचायतों के वार्डों का फिर से निर्धारण किया जाना है। 12 से 21 दिसम्बर के बीच ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के वार्डों की प्रस्तावित सूची की तैयारी और उसका प्रकाशन किया जाएगा। 22 से 26 दिसम्बर के बीच इन वार्डों के निर्धारण पर आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। 27 दिसम्बर से 2 जनवरी के बीच आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 3 से 6 जनवरी के बीच वार्डों की अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। त्रि-स्तरीय पंचायतों के वार्डों के निर्धारण के सम्बंध में ग्राम व क्षेत्र पंयायत से सम्बंधित आपत्तियां संबंधित जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय में और जिला पंचायत के वार्डों के संबंध में आपत्तियां जिला पंचायत कार्यालय में अपर मुख्य अधिकारी द्वारा प्राप्त की जाएंगी। साथ ही निर्धारित अवधि में प्राप्त इन सभी स्तर की आपत्तियों का निस्तारण जिला स्तर परर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी सदस्य होंगे जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। इस शासनादेश के अनुसार पहली जनवरी 2016 से लेकर अब तक नगर पंचायत,नगर पालिका परिषद, नगर निगम के सृजन या सीमा विस्तार के फलस्वरूप जिले में कतिपय विकास खण्ड या विकास खण्ड की ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल किये जाने से प्रभावित हुई हैं। अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले ऐसे विकास खण्ड या विकास खण्ड की प्रभावित ग्राम पंचायतों का आंशिक परिसीमन किया जाना है। इस बारे में पंचायतीराज निदेशक के अलावा सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं।