मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। विधानसभा चुनाव2022 की आहट से यूपी का राजनैतिक पारा चढ़ने लगा है। विपक्षी दलों के साथ ही सरकार विरोधी अराजनैतिक संगठन भी भौंहें तान लिये हैं। हर रोज नये-नये बनते-बिगड़ते राजनैतिक समीकरण चुनाव तक किस करवट बैठेंगे कहना मुश्किल है। इस बीच भासपा गठबंधन भागीदार मोर्चा के साथ यूपी चुनाव में कूदने को तैयार असदुद्दीन ओवैसी अयोध्या से राज्य का तीन दिवसीय दौरे करने जा रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी आगामी सात से नौ सितंबर के बीच उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। सात सितंबर को वह अयोध्या की रूदौली विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। ओवैसी वहां शेख मखदूम शाह की दरगाह पर जाएंगे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने ओवैसी के स्वागत में वहां लगे पोस्टर-बैनर में अयोध्या के बजाए फैजाबाद लिखे जाने के बाबत पूछे जाने पर कहा कि जिलों के नाम बदलने से विकास नहीं होता। उन्होंने कहा कि मुगलों ने आठ सौ साल इस मुल्क पर हुकूमत की मगर क्या उन्होंने रामपुर या सीतापुर के नाम बदले। ओवैसी आठ सितंबर को सुल्तानपुर में वंचित शोषित समाज सम्मेलन को संबोधित करेंगे। फिर नौ सितंबर को बाराबंकी में भी वंचित शोषित समाज सम्मेलन करेंगे। इन सम्मेलनों में ब्राह्मण, दलित, ओबीसी, मुस्लिम सभी शामिल होंगे। शौकत अली ने कहा कि उनकी पार्टी यूपी में विकास के हैदराबाद मॉडल को लेकर आएगी। जहां मुअज्जिन (मस्जिद में अजान देने वाले) और मंदिर के पुजारी दोनों को वेतन दिया जाता है।
2200 और 2400 बेड के दो हॉस्पिटल हैदराबाद में पार्टी की ओर से संचालित होते हैं, जहां बहुत सस्ते में इलाज होता है। यूपी में विस चुनाव के लिए अन्य सियासी पार्टियों से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तो हम भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा हैं, अभी इंटरवल हुआ है, पिक्चर अभी बाकी है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो वह तो डूबता जहाज है। हां बसपा, सपा अगर चाहेंगे तो हम उनके साथ बातचीत करने को तैयार हैं।